लखनऊ: 10 दिनों तक मां के शव के साथ रही बेटी, पुलिस ने आकर खुलवाया दरवाजा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
यहां के इंदिरा नगर में एक 26 वर्षीय युवती ने अपनी मां की लाश 10 दिनों तक अपने घर में छिपाए रखी और किसी को भी अपनी मां की मौत की जानकारी नहीं दी।
पड़ोसियों द्वारा सूचित करने पर जब पुलिस उसके घर पहुंची तो देखा कि युवती दूसरे कमरे में रह रही थी और उसकी मां का शव बगल वाले कमरे में पड़ा था।
जानकारी
कैसे चला मामले का पता?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई दिनों तक शव की मौजूदगी के चलते युवती के घर से अजीब दुर्गंध आने लगी थी। इसके चलते उसके पड़ोसियों ने पुलिस को जानकरी दी।
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उन्होंने वहां एक बुजुर्ग महिला सुनीता दीक्षित की लाश बरामद की। सुनीता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से सेवानिवृत्त हुई थीं। उनकी बेटी की पहचान 26 वर्षीय अंकिता दीक्षित के तौर पर हुई है।
बाद में पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया।
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युवती ने नहीं खोला दरवाजा
सूचना मिलने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो युवती ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया और विरोध करने लगी। कोई और विकल्प न बचता देख पुलिस ने एक बढ़ई को मौके पर बुलाया और दरवाजा काटकर अंदर प्रवेश किया।
अंदर घुसने पर पुलिस ने पाया कि अंकिता अपने कमरे में थी, जबकि उनकी मां का शव दूसरे कमरे में पड़ा हुआ था।
पुलिस का कहना है कि अंकिता मानसिक रूप से अस्वस्थ लग रही हैं।
जांच
पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
पुलिस ने जब अंकिता से पूछताछ करने की कोशिश की तो वह ज्यादा देर तक बात नहीं कर पाई। बड़ी मुश्किल से पुलिस यह पता लगा पाई कि मृत महिला अंकिता की मां है।
कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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मौत के कारणों को नहीं लग पाया पता
पुलिस अभी तक महिला की मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाई है। बताया जा रहा है कि मृत महिला कैंसर से जूझ रही थी। करीब 10 साल पति से तलाक लेने के बाद वह अपनी बेटी के साथ रह रही थी।
पुराने मामले
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
यह पहली बार नहीं है, जब किसी के शव के साथ रहने के मामले सामने आए हैं। पहले भी ऐसे कई मामले दर्ज हो चुके हैं।
हाल ही में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक दिव्यांग बेटा दो दिनों तक अपनी मां के शव के साथ घर मे रहा था। यहां भी घर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया था।
वहीं इंडोनेशिया की एक जनजाति सालों तक मृतक परिजनों को अपने साथ रखती है।