
कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार ने आपसी संबंध तोड़ा, जानिए क्या बनी वजह
क्या है खबर?
कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की दोस्ती टूट गई है। उन्होंने अपनी अलग राह बना ली है, जिससे केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और राज्य पुलिस के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।
गुजरात की साबरमती जेल में बंद बिश्नोई और अमेरिका से अपनी आपराधिक गतिविधि चला रहा बरार अनमोल बिश्नोई के कारण अलग हुए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एजेंसियों यह जानकारी दोनों गिरोह से जुड़े अपराधियों से मिली है।
दोनों स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।
दोस्ती
2011 में शुरू हुई थी दोस्ती
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक साम्राज्य में जबरन वसूली, हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी और हथियारों की तस्करी के अलावा कई अन्य अपराधों में शामिल बिश्नोई और बरार दोनों 2011 में मिले थे।
उस समय बिश्नोई और बरार दोनों पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे। बिश्नोई राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ा था, जबकि बरार अपना दबदबा बनाना चाहता था।
दोनों मिलने के बाद हत्या, फिरौती, अपहरण, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को अंजाम दिया था। बरार 2017 में अमेरिका चला गया था।
फूट
कैसे पड़ी दोनों में फूट
दोनों के अलग होने का सबसे बड़ा कारण बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई है।
अनमोल महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या और अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी करने में वांछित है।
उसे नवंबर 2024 में अवैध रूप से प्रवेश को लेकर कैलिफोर्निया में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया।
अनमोल की जमानत को लेकर बरार और सतिंदर गोदारा (सचिन गोदारा) को बॉन्ड भरना था, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की।
जमानत
एंकल मॉनिटर के साथ रिहा किया गया, नया गिरोह बनाया
अनमोल को फिलहाल राहत मिल गई, लेकिन उसे एंकल मॉनिटर के साथ रिहा किया गया। उसे GPS ट्रैकर लेकर चलना होता है।
इससे नाराज होकर बिश्नोई ने बरार से नाता तोड़ लिया और हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर काला राणा उर्फ वीरेंद्र प्रताप के छोटे भाई नोनी राणा से हाथ मिला लिया।
वहीं, बरार ने अजरबैजान-आधारित गैंगस्टर रोहित गोदारा से गठजोड़ किया और 2025 में कनाडा में व्यवसायी हरजीत सिंह को मारा।
दोनों अलग-अलग संगठन से अपराध नेटवर्क चला रहे हैं।
हत्या
बिश्नोई और बरार गिरोह ने साथ इन अपराधों को दिया अंजाम
बिश्नोई और बरार ने मिलकर वैसे तो कई अपराधों को अंजाम दिया है, लेकिन पंजाब, महाराष्ट्र और हरियाणा में उनकी हत्याओं ने पूरे देश को चौंका दिया।
उन्होंने मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की थी। इसके बाद अक्टूबर 2024 में महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की।
इससे पहले दिसंबर 2023 में करणी सेना के अध्यक्ष और राजपूत नेता सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या को अंजाम दिया था।
चुनौतियां
पुलिस के सामने क्या है चुनौतियां?
दोनों कुख्यात गैंगस्टर के अलग होने से पुलिस और एजेंसियों के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं।
पहले जहां, दोनों के नेटवर्क पर नजर रखना आसान था, वहीं अब राणा और गोदारा के गठजोड़ के साथ नए गिरोह ने मुश्किल खड़ी कर दी है।
अब दोनों गिरोह अलग-अलग अपराधों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे नए आपराधिक सिंडिकेट बढ़ रहा है और अपराधिक मामले भी बढ़ रहे हैं।