पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन, लंबे समय से थे बीमार
क्या है खबर?
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक और 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार शाम को निधन हो गया है। वह 95 साल के थे।
बादल लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद पिछले हफ्ते उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आज रात करीब 08:30 बजे अंतिम सांस ली।
ट्विटर पोस्ट
नहीं रहे प्रकाश सिंह बादल
Former Punjab CM and Shiromani Akali Dal patron Parkash Singh Badal passes away at Fortis Hospital in Mohali, confirms the PA of his son and party president Sukhbir Singh Badal. pic.twitter.com/xytBuqG6GZ
— ANI (@ANI) April 25, 2023
हालत
पिछले साल जून से ही चल रहे थे बीमार
जनवरी, 2022 में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए बादल को गैस्ट्राइटिस और सांस लेने में परेशानी होने के चलते जून में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हालांकि, उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन सितंबर में फिर से तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मोहली के PGI अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उसके बाद से वह लगातार बीमार चल रहे थे और उनका नियमित उपचार भी चल रहा था। आखिर में आज उनका निधन हो गया।
जानकारी
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजनीति में थे निष्क्रिय
प्रकाश सिंह 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर की पहली हार थी। उन्होंने बेटे सुखबीर सिंह बादल के कहने और पंजाब में SAD की दयनीय स्थिति को देखते हुए चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
राजनीति
साल 1947 में रखा था राजनीति में कदम
प्रकाश सिंह ने 1947 में अपने राजनीतिक करियर का आगाज सरपंच के चुनाव के साथ किया था, उसमें उन्होंने जीत भी हासिल की थी। उस दौरान वह देश में सबसे कम उम्र के सपरंच बने थे।
उन्होंने 1957 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता और 1969 में दोबारा विधायक बन गए।
1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री भी रहे थे।
इसके अलावा वह मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री काल में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे।
मुख्यमंत्री
5 बार रहे पंजाब के मुख्यमंत्री
प्रकाश सिंह साल 1970-71, 1977-80, 1997-2002 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे।
इसी तरह 1972, 1980 और 2002 में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे थे। इसके अलावा 1 मार्च, 2007 से 2017 के बीच भी उन्होंने दो बार और राज्य की कमान संभाली थी।
उन्होंने साल 2022 में मुक्तसर जिले की अपनी पारंपरिक लंबी विधानसभा सीट से 94 साल की उम्र में अपना आखिरी विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार बने थे।
शोक
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रकाश सिंह निधन पर व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रकाश सिंह के निधन की खबर सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे और एक उल्लेखनीय राजनेता भी थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।'
इसी तरह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी दुख जताया है।
श्रद्धांजलि
राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव ने भी दी श्रद्धांजलि
बादल के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सिंह ने ट्वीट किया, 'प्रकाश सिंह बादल एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक करियर में उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए।'
समाजवादी पार्टी प्रमुख अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा, 'प्रकाश सिंह बादल का निधन, अत्यंत दुखद! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें।'