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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ से 45 वन शिविर डूबे, जानवरों के जीवन पर संकट
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 45 वन शिविर बाढ़ से डूबे (फाइल तस्वीर)

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ से 45 वन शिविर डूबे, जानवरों के जीवन पर संकट

लेखन गजेंद्र
Jun 04, 2025
03:53 pm

क्या है खबर?

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में मानसून के दस्तक से जून की शुरूआत में ही बाढ़ की आफत आ गई है। यहां के निचले इलाकों में पानी भर गया है। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, उद्यान में वन्य जीवों की निगरानी के लिए बनाए गए 45 वन शिविर बाढ़ में डूब गए हैं और जानवरों का जीवन संकट में आ गया है। बढ़ते जलस्तर से उद्यान का पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हुआ है। यह जलस्तर लगातार बढ़ ही रहा है।

खतरा

असम में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना, रेड अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को संभावना जताई है कि असम के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसको लेकर रेड अलर्ट जारी है। वहीं, असम के मंत्री कृष्णनेंदू पॉल का कहना है कि बराक घाटी में स्थिति काफी गंभीर है, यहां एक दिन में 500 मिमी से अधिक बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि श्रीभूमि से लेकर सिलचर तक और सालचपरा में रेलवे लाइन डूब गई है। 3,000 से अधिक गांव जलमग्न हैं।

बाढ़

बाढ़ से जानवरों को शिकार का खतरा

एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा उद्यान के अधिकारी बताते हैं कि जब निचला इलाका पानी से भर जाता है, तो अधिकतर जानवर अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों पर भागते हैं। बाढ़ से वन शिविर भी डूब जाते हैं, जिससे जानवरों की निगरानी नहीं हो पाती और शिकार का खतरा रहता है। जानवरों को बचाने के लिए हर साल 150 से अधिक बचाव नावें तैनात की जाती हैं और मोबाइल टीमें 24 घंटे गश्त करती हैं।

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