अपने ही हेलिकॉप्टर को मार गिराने के मामले में भारतीय वायुसेना के पांच अधिकारी दोषी करार
श्रीनगर में अपने ही Mi-17VF हेलिकॉप्टर को मार गिराने के मामले में भारतीय वायुसेना के पांच वायुसेना अधिकारी दोषी पाए गए हैं। बालाकोट एयरस्ट्राइक से अगले दिन श्रीनगर में हुए इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया था। पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल हरी कुमार इस पूरे अभियान के इंचार्ज थे। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
27 फरवरी को क्या हुआ था?
पुलवामा हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए थे। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से संभावित हमले के चलते भारत ने एयर डिफेंस को अलर्ट पर रखा था। यह हवा में दुश्मन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए मुस्तैद था। इसी दौरान भारतीय वायुसेना की 154 हेलिकॉप्टर यूनिट का एक हेलिकॉप्टर भारतीय मिसाइल के निशाने पर आ गया था।
वायुसेना के पांच अधिकारी दोषी
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, वायुसेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में एक ग्रुप कैप्टन, दो विंग कमांडर और दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट समेत कुल पांच लोगों को कसूरवार बताया गया है। इन अधिकारियों को लापरवाही और नियमों का पालन नहीं करने का दोषी पाया गया है। वायुसेना मुख्यालय ने एयर कमाडोर रैंक के अधिकारी की देखरेख में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए थे। वायुसेना का मानना है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
27 फरवरी को हुई थी घटना
सूत्रों के मुताबिक, जांच में सामने आया कि श्रीनगर एयरबेस पर एयर डिफेंस सिस्टम पर तैनात कर्मचारियों ने भारतीय वायुसेना के इस हेलिकॉप्टर को बेस की तरफ आ रही मिसाइल समझ लिया था और इस पर निशाना दाग दिया। जिस समय इस हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया गया, उसी समय घटनास्थल से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तानी विमान का पीछा कर रहे थे।
स्थानीय लोगों ने चुरा लिया था ब्लैक बॉक्स
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स चुरा लिया था। इसमें बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां रहती हैं। साथ ही ऐसी भी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने हादसे के बाद हेलिकॉप्टर पर पथराव भी किया था।