दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के डिब्बे में लगी भयानक आग, सभी यात्री सुरक्षित
दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस की एक डिब्बे में आज उत्तराखंड के कांसरो में भयानक आग लग गई। हालांकि लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ी दुर्घटना चल गई और उसने ट्रेन रोक तत्काल सभी यात्रियों को डिब्बे से उतार दिया। घटना में किसी यात्री के हताहत होने की खबर नहीं है। आग से प्रभावित डिब्बे को अलग कर और इसके यात्रियों को बाकी डिब्बों में शिफ्ट कर गाड़ी को देहरादून के लिए रवाना कर दिया गया है।
दोपहर 12:20 बजे की है घटना
घटना दोपहर लगभग 12:20 बजे की बताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस रायवाला रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए जा रही थी, तभी राजाजी टाइगर रिजर्व के कांसरो वन क्षेत्र के पास इसके C-4 डिब्बे में आग लग गई। घटना के समय ट्रेन के 12 डिब्बों में कुल 316 और C-4 डिब्बे में 35 यात्री सवार थे। आग की सूचना मिलते ही लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को वहीं रोक लिया।
ब्रेक लगते ही डिब्बे से उतरे यात्री
ब्रेक लगते ही डिब्बे में सवार सभी यात्री अपने सामान के साथ बाहर निकल आए। इतनी देर में पास में ही मौजूद वन विभाग की चौकी से वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने C-4 डिब्बे को ट्रेन से अलग करा दिया। डिब्बे के सभी यात्रियों को बाकी डिब्बों में शिफ्ट किया गया और ट्रेन को सुरक्षित तरीके से देहरादून के लिए भेज दिया रवाना कर दिया गया।
वन रेंज तक सड़क न होने के कारण फायर ब्रिगेड को पहुंचने में हुई देर
इस बीच वन विभाग और पुलिस ने अपने संसाधनों के दम पर डिब्बे में लगी आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि इसे काबू में नहीं किया जा सका। वन रेंज तक कोई सड़क न होने के कारण फायर ब्रिगेड को भी मौके पर पहुंचने में देर लगी। अंत में रेलवे की मदद से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को डिब्बे के पास लाया गया और आग पर काबू पाया गया।
शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी आग
अधिकारियों ने शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया है और घटना के तुरंत बाद रेल लाइन की पॉवर सप्लाई भी कट गई थी। अभी रेलवे विभाग के अधिकारी और टीम मौके पर पहुंच रहे हैं। घटना में डिब्बा पूरी तरह से जल गया है। किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई है, फिर भी एहतियातन देहरादून रेलवे स्टेशन के बाहर एंबुलेंस भेजी गई हैं और स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस को तैनात किया गया है।