किसान आंदोलन: आज देशभर में भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान, जिला कार्यालयों के सामने करेंगे प्रदर्शन
किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और आज पूरे देश में हजारों किसान और उनके नेता भूख हड़ताल पर बैठेंगे। किसान संगठनों के अनुसार, आज किसान देश के सभी जिला कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे और सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर बैठेंगे। एक हफ्ते के अंदर ये किसानों की दूसरी देशव्यापी हड़ताल है और इससे पहले 8 दिसंबर को भारत बंद किया गया था।
किसानों के समर्थन में उपवास रखेंगे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों का समर्थन करते हुए आज एक दिन का उपवास रखेंगे। रविवार को इसका ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा, "मैं कल किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखूंगा। मैं AAP कार्यकर्ताओं से इससे जुड़ने की अपील करता हूं। केंद्र को कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की सभी मांगों को तत्काल मंजूर कर लेना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने के लिए एक विधेयक लाना चाहिए।"
रविवार को किसानों ने बंद किया था दिल्ली-जयपुर हाईवे
बता दें कि किसानों ने रविवार से अपने आंदोलन को तेज किया है और कल ही राजस्थान और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली की तरफ मार्च करना शुरू किया था। इन किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को भी कुछ घंटों तक बंद रखा और बाद में पुलिस इसे आंशिक रूप से खुलवाने में कामयाब रही। किसानों की इस मार्च को रोकने के लिए हरियाणा के गुरूग्राम और फरीदाबाद में 4,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
अब तक असफल रही है किसानों और सरकार के बीच की बातचीत
इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से सड़कों पर हैं और 25 नवंबर से दिल्ली के आसपास डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बैठक भी हो चुकी है, हालांकि इनमें समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है। सरकार ने किसानों को कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, हालांकि किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
सरकार बोली- "लेफ्ट" और "टुकड़े-टुकड़े गैंग" ने हाईजैक किया आंदोलन
इस बीच सरकार ने "अल्ट्रा-लेफ्ट" और "टुकड़े-टुकड़े गैंग" के किसानों के आंदोलन को हाइजैक करने का आरोप भी लगाया है। रविवार को इन आरोपों को फिर से दोहराते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने विपक्ष पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रोपगैंडा चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सुधार होते हैं तो ये दीर्घकाल में किसानों को लाभ पहुंचाएंगे। लेकिन फिलहाल कुछ को समस्या हो सकती है। हम जानते हैं कि बिना समस्याओं के कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।"