कटक: अस्पताल की लापरवाही, कोरोना मरीज की मौत के 18 दिन बाद मिली परिजनों को सूचना
कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों द्वारा लापरवाही बरते जाने के कई मामले सामने आए हैं। जहां कई जगह कोरोना मरीजों के शव बदल दिए गए तो कहीं मरीज ही लापता हो गए। ताजा मामला सामने आया है ओडिशा के कटक स्थित SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में, जहां अस्पताल प्रशासन ने पहले तो मरीजों को "लापता" करार दे दिया और फिर परिजनों के शिकायत करने पर 18 दिन बाद मरीज की मौत की सूचना दी।
29 सितंबर को मरीज के हुई थी कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सदर ब्लॉक के बरदा गांव निवासी दुर्योधन बेहेरा के गत 29 सितंबर को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस पर उन्हें ढेंकनाल कोरोना अस्पताल में भर्ती किया गया था। शाम को हालत बिगड़ने पर उन्हें SCB मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद 30 सितंबर को अधिक तबीयत बिगड़ने पर बेहरा की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सा अधिकारियों ने उन्हें दुर्योधन को शिफ्ट करने की जानकारी नहीं दी थी। इसके कारण उन्हें 4 अक्टूबर तक दुर्योधन के अस्पताल का पता नहीं चल सका। इसके बाद उनके बेटे ने ढेंकनाल कोरोना अस्पताल अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें संपर्क नंबर का अभाव होने के कारण गांव के सरपंच को सूचना देने की बात कही। इसके बाद उन्होंने SCB मेडिकल कॉलेज में जांच की तो भी दुर्योधन का पता नहीं चला।
परिजनों के गुमशुदगी दर्ज कराने पर सामने आई सच्चाई
मृतक दुर्योधन के बेटे ने मामले में जिला कलक्टर को शिकायत की और उसके बाद टाउन पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। जिला कलक्टर ने मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया। जांच में मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी सुजाता रानी मिश्रा ने बताया कि एक अक्टूबर को अस्पताल में अज्ञात मरीज की मौत हुई थी। ऐसे में कोरोना मानदंडों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जांच में वह शव दुर्योधन का निकला।
बीटा नहीं कर सका पिता का अंतिम संस्कार
दुर्योधन का बेटे ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण वह अपने पिता का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया। यहां तक की परिवार आखिरी समय में भी उन्हें देख नहीं पाया। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
महाराष्ट्र में अस्पताल के शौचालय में मिला था कोरोना संक्रमित महिला का शव
कोरोना संक्रमित मरीज के अस्पताल से लापता होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले गत जून में महाराष्ट्र के जलगांव के सिविल अस्पताल से लापता बताई गई एक 80 वर्षीय महिला का शव आठ दिन बाद अस्पताल के शौचालय में ही मिला था। उस घटना ने अस्पतालों की लापरवाही को उजागर किया था। इसी तरह दिल्ली के अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के शव बदलने के मामले सामने आए थे। इससे परिजनों को खासी परेशानी हुई थी।