उन्नाव रेप केस: पीड़िता के परिवार और आरोपी विधायक की 18 साल पुरानी है दुश्मनी
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और इसने हमारी व्यवस्था की कई खामियों को उजागर किया है। मामले में रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता की कार की टक्कर की साजिश रचने का आरोप भी लग रहा है, जिसमें उसके दो परिजन मारे गए। इस बीच सामने आया है कि पीड़िता और आरोपी विधायक के परिवारों का एक-दूसरे के यहां आना-जाना था और पिछले 18 साल से उनकी दुश्मनी है।
एक ही गांव से आते हैं दोनों परिवार, 50 कदम की दूरी पर हैं घर
सेंगर और पीड़िता का परिवार एक ही गांव से संबंध रखते हैं और उन्नाव के माखी गांव के सराय थोक मोहल्ला में उनके घर मात्र 50 कदम की दूरी पर हैं। पीड़िता के पिता पप्पू सिंह और उनके दो भाई, गुड्डू सिंह और महेश सिंह, की इलाके में दबंग की छवि थी। 2002 तक तीनों भाईयों की सेंगर से अच्छी जान-पहचान थी। इसी साल जब सेंगर पहली बार विधायक बना तो तीनों भाईयों ने उसकी खूब मदद की थी।
सेंगर के विधायक बनने के बाद शुरू हुई दुश्मनी
दुश्मनी की शुरूआत सेंगर के विधायक बनने के बाद से शुरू हुई, जब उसने तीनों भाईयों से किनारा करना शुरू कर दिया। इस बीच गांव में प्रधानी के चुनाव हुए, जिसमें दोनों परिवार आमने-सामने आ गए। एक तरफ से सेंगर की मां मैदान में उतरी तो दूसरी तरफ से पीड़ित लड़की के ताऊ गुड्डू सिंह। गुड्डू के खिलाफ मुकदमों को मुद्दा बनाकर सेंगर ने उन्हें मैदान से बाहर कर दिया, जिसके बाद उसके दोस्त की मां को खड़ा किया गया।
प्रधानी के चुनाव प्रचार के दौरान हुई गोलीबारी
प्रधानी के चुनाव प्रचार के दौरान पीड़िता के चाचा महेश सिंह और सेंगर के पक्ष के बीच गोलीबारी हुई। इसमें सेंगर ने महेश पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कराया, जिसके लिए वह रायबरेली की जेल में 10 साल की सजा काट रहा है।
पीड़िता के ताऊ को गांववालों ने पीट-पीट कर मारा
दोनों परिवारों की रंजिश में पहली हत्या पीड़िता के ताऊ गुड्डू की हुई, जिन्हें गांव के ही कुछ लोगों ने ईंट-पत्थर से हमला करके पीट-पीट कर मार दिया था। तब पीड़ित परिवार ने सेंगर पर इसका आरोप लगाया था। इसके बाद 2017 में रेप केस सामने आने के बाद सेंगर के भाई अतुल सिंह पीड़िता के पिता पप्पू सिंह को बुरी तरह से पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया और पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई।
कार की टक्कर मामले में भी सेंगर पर आरोप
अब रविवार को पीड़िता की कार की टक्कर के मामले में शक की सुई सेंगर की तरफ है। काली नंबर प्लेट वाले ट्रक ने उनकी कार को तब टक्कर मारी जब वह रायबरेली की जेल में बंद महेश सिंह से मिलने जा रहे थे। इसमें पीड़िता के दो परिजनों (दोनों महिलाओं) की मौत हो गई, जबकि वह खुद और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।