दिग्गज वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया दुख
देश के दिग्गज वकील राम जेठमलानी का रविवार सुबह 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जेठमलानी पिछले 15 दिनों से बीमार थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी समेत बड़ी हस्तियों ने दुख जताया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनको श्रद्धांजलि देने के लिए अस्पताल पहुंचे। राम जेठमलानी के बेटे महेश ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम को लोधी रोड श्मशान में किया जाएगा।
नानावटी केस से मिली पहचान
जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था। आजादी के बाद वो भारत आ गए। उन्होंने महज 17 साल की उम्र में कानून की डिग्री ले ली थी। साल 1959 में नानावटी केस से उन्हें शोहरत मिली। उसके बाद जेठमलानी ने क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिस में महारत हासिल कर ली। उन्होंने अपने करियर में कई विवादित केस लड़े थे। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया था।
राष्ट्रपति कोविंद ने जताया दुख
जेठमलानी को श्रद्धांजलि देते हुए अमित शाह
जेठमलानी ने इन विवादित मामलों में की थी पैरवी
जेठमलानी ने इंदिरा गांधी के हत्यारों का केस, डॉन हाजी मस्तान और हर्षद मेहता केस, चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव, केतन पारेख, एलके आडवाणी हवाला, जयललिता की अघोषित संपत्ति, 2G में कनिमोई का बचाव, जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा, खनन घोटाला में येदियुरप्पा, संसद पर हमले के दोषी अफजल और सहारा मामले में सुब्रतो राय का बचाव करते हुए केस लड़ा था। कई बार इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई।
अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लड़ा था चुनाव
साल 2017 में वकालत के पेशे से रिटायर होने वाले जेठमलानी राजद के राज्यसभा सांसद थे। इससे पहले वो कई बार भाजपा की तरफ से लोकसभा सांसद भी रहे थे। उन्होंने छठी और सातवीं लोकसभा में मुंबई का प्रतिनिधित्व किया। वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उनकी हाजिर-जवाबी और मजाकिया स्वभाव का हर कोई कायल था।
श्रद्धांजलि देते हुए उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू
प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया। राम जेठमलानी ने न्यायालय और संसद दोनों में योगदान दिया है। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक बोलने से नहीं कतराते थे।' उन्होंने जेठमलानी के परिवार के प्रति संवेदना जताई है।