LOADING...
ED की अनिल अंबानी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, कुर्क की 3,084 करोड़ रुपये की 40 संपत्तियां
ED ने अनिल अंबानी की 3,084 करोड़ रुपये की 40 संपत्तियां कुर्क कर दी है

ED की अनिल अंबानी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, कुर्क की 3,084 करोड़ रुपये की 40 संपत्तियां

Nov 03, 2025
11:18 am

क्या है खबर?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने मुंबई के पाली हिल स्थित एक पारिवारिक आवास, दिल्ली स्थित रिलायंस सेंटर और कम से कम 8 शहरों में स्थित 3,084 करोड़ रुपये लागत की 40 संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया। ED की ओर से 31 अक्टूबर को जारी आदेशों के अनुसार, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत की गई है।

कार्रवाई

ED ने इन शहरों में कुर्क की संपत्तियां

ED की ओर से कुर्क की अचल संपत्तियां दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी में स्थित हैं। इनमें आवासीय इकाइयां, कार्यालय परिसर और भूखंड भी शामिल हैं। ED के अनुसार, इन संपत्तियों को कुर्क करना रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन के हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच का हिस्सा है।

प्रकरण

क्या है पूरा मामला?

ED के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड ने 12,524 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसमें से अधिकांश रिलायंस समूह से जुड़ी कंपनियों को दिया गया। इसमें से 6,931 करोड़ रुपये का लोन गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) घोषित हो गया। जांच में पता चला कि ये राशि रिलायंस समूह की अन्य कंपनियों को वापस भेज दी गई। इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी FIR दर्ज की थी।

जांच

जांच में क्या-क्या सामने आया?

मामले की जांच में पाया गया कि अनिल के नेतृत्व वाले समूह की वित्तीय संस्थाओं में रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड द्वारा प्रत्यक्ष निवेश, हितों के टकराव को रोकने के लिए SEBI के ढांचे के तहत प्रतिबंधित था, लेकिन म्यूचुअल फंड के माध्यम से आम जनता से एकत्रित धन कथित तौर पर यस बैंक द्वारा RHFL और RCFL को दिए गए ऋणों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से अनिल अंबानी की कंपनियों में पहुंचाया गया था।

खुलासा

बिना उचित जांच-पड़ताल के वितरित किए गए ऋण

ED की ओर से कहा गया है कि उसके जांच अभियान ने बड़े पैमाने पर धन के डायवर्जन और समूह-संबंधित संस्थाओं को आगे उधार देने का खुलासा किया है, जिसके परिणामस्वरूप जानबूझकर और लगातार नियंत्रण विफलताएं हुईं। कथित तौर पर ऋण बिना उचित जांच-पड़ताल के वितरित किए गए। कुछ मामलों में आवेदन और स्वीकृति के दिन ही उनका निपटान कर दिया गया और कुछ मामलों में आवेदन जमा करने से पहले ही ऋण दे दिए गए।

अन्य

कई अन्य मामलों में ED-CBI की रडार पर हैं अनिल

अनिल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के 4 मामले दर्ज हो गए हैं। रिलायंस समूह की कंपनियों को 2017-2019 के बीच यस बैंक से मिले करीब 3,000 करोड़ रुपये के लोन में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने भी कंपनी के लोन को फ्रॉड घोषित कर दिया है। हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने भी रिलायंस कम्युनिकेशन और अनिल के ऋण खातों को फ्रॉड घोषित किया था।