
नशे में धुत MNS नेता के बेटे ने मराठी भाषी महिला को दी गाली, देखिए वीडियो
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर राज ठाकरे के समर्थकों द्वारा गैर-मराठी भाषियों की पिटाई करने की घटनाओं के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में MNS नेता का का बेटा नशे में धुत और अर्धनग्न अवस्था में मराठी भाषी महिला को गाली देते हुए अभद्रता करते हुए नजर आ रहा है। शिंदे गुट की शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने यह वीडियो शेयर किया है।
वीडियो
वीडियो में महिला को गाली देता नजर आ रहा है MNS नेता का बेटा
शिवसेना नेता निरुपम द्वारा एक्स पर साझा किए गए इस वीडियो में MNS नेता जावेद शेख का बेटा राहिल शेख शराब के नशे और अर्धनग्न हालत में मराठी बोल रही महिला को गाली देते हुए अभद्रता करते दिख रहा है। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंचती है। पुलिस के सामने भी दोनों में बहस जारी रहती है। वीडियो में वो पुलिस के सामने भी महिला को गाली देता दिखाई दे रहा है। पुलिस ने भी उसका वीडियो बनाया है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें वीडियो
नशे में धुत।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) July 7, 2025
अधनंगा।
एक मराठी भाषिक महिला के साथ गाली-गलौज करता हुआ मनसे का नेता पुत्र।
ऊपर से अपने बाप के रसूख़ की धौंस दे रहा है।
मराठी स्वाभिमान की रक्षा करने का दावा करनेवालों का असली चेहरा देखिए।
क्या इन्हीं मुसलमानों के दबाव में मनसेवाले हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं ? pic.twitter.com/vOkXz1Ev0w
निशाना
निरुपम ने साधा MNS पर निशाना
शिवसेना नेता निरुपम ने वीडियो के साथ लिखा, 'नशे में धुत। अधनंगा। एक मराठी भाषिक महिला के साथ गाली-गलौज करता हुआ MNS का नेता पुत्र। ऊपर से अपने बाप के रसूख़ की धौंस दे रहा है। मराठी स्वाभिमान की रक्षा करने का दावा करनेवालों का असली चेहरा देखिए। क्या इन्हीं मुसलमानों के दबाव में MNS वाले हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं ? वे भाषा के नाम पर गुंडागर्दी के अलावा कुछ नहीं कर रहे। यही MNS की हकीकत है।'
विवाद
महाराष्ट्र में चल रहा है भाषा को लेकर विवाद
पिछले कुछ दिनों में MNS कार्यकर्ताओं द्वारा गैर-मराठी भाषियों पर हमला करने और उन्हें धमकाने के कई मामले सामने आए हैं, जो उनके प्रमुख राज ठाकरे के कट्टरपंथी अभियान की तर्ज पर है। MNS कार्यकर्ता बाल ठाकरे की आक्रामकता की नकल करते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने राज ठाकरे और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के विरोध के चलते स्कूलों में तीन भाषाओं में शिक्षा की अनिवार्यता के अपने फैसले को वापस ले लिया है।