DRDO ने 2 प्रलय मिसाइलों का किया सफल परीक्षण, क्या है इसकी खासियत?
क्या है खबर?
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज (31 दिसंबर) एक ही लॉन्चर से एक के बाद एक 2 प्रलय मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण आज ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह लॉन्च यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल का हिस्सा था। ये दोनों मिसाइलें तय रास्ते पर चलीं और सभी तकनीकी लक्ष्य पूरे हुए। यह उपलब्धि स्वदेशी मिसाइल प्रणाली की मजबूती और भरोसे को दिखाती है।
खासियत
प्रलय मिसाइल की खास तकनीकी खासियत
प्रलय मिसाइल एक स्वदेशी सॉलिड प्रोपेलेंट क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल है। इसमें आधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम लगे हैं, जिससे यह बहुत ही सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। मिसाइल अलग-अलग तरह के वॉरहेड अपने साथ ले जा सकती है, जिससे सेना को ऑपरेशन के दौरान ज्यादा विकल्प मिलते हैं। तेज प्रतिक्रिया और बेहतर नियंत्रण इसकी बड़ी खासियत मानी जाती है। यह तकनीक भारत की मिसाइल क्षमता को और मजबूत बनाती है।
महत्व
सेना के लिए प्रलय मिसाइल का क्या महत्व है?
प्रलय मिसाइल को युद्ध जैसी परिस्थितियों में तेजी से और सटीक हमले के लिए तैयार किया गया है। एक ही लॉन्चर से लगातार 2 मिसाइल दागने की क्षमता से सेना की फायर पावर बढ़ती है। यह दुश्मन के अहम ठिकानों को कम समय में निशाना बना सकती है। इससे जमीनी बलों को ज्यादा भरोसेमंद और प्रभावी हथियार मिलता है, जो बदलती रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने में बहुत मदद करेगा।
अन्य
किसने किया विकसित?
इस मिसाइल को रिसर्च सेंटर इमारत और DRDO की कई प्रयोगशालाओं ने मिलकर विकसित किया है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भी इसके निर्माण में साझेदार हैं। परीक्षण के दौरान सेना और वायुसेना के अधिकारी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल लॉन्च पर इस टेस्ट टीम को बधाई दी है। DRDO प्रमुख ने कहा कि यह सिस्टम जल्द सेना में शामिल होने के लिए तैयार है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें लॉन्च का वीडियो
Salvo lunch of two Pralay Missile in quick succession from same launcher were successfully conducted today from ITR, Chandipur. The flight test was conducted as part of User evaluation trials. Both the missiles followed the intended trajectory meeting all flight objectives. pic.twitter.com/QeJYVDhL1l
— DRDO (@DRDO_India) December 31, 2025