दिल्ली: अपराध दर घटी, लेकिन महिलाओं के लिए अब भी सबसे असुरक्षित शहर
कोरोना महामारी और फिर लगे लॉकडाउन के चलते राजधानी दिल्ली में बीते वर्ष कुल अपराध दर में गिरावट आई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 की तुलना में बीते साल दिल्ली में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज होने वाले मामलों में 18 प्रतिशत गिरावट देखी गई है। इसके बावजूद देश के बाकी महानगरों की तुलना में यह अभी भी महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बना हुआ है।
दिल्ली में बीते साल दर्ज हुए 2.4 लाख मामले
दिल्ली पुलिस ने बीते साल कुल 2.4 लाख मामले यानी रोजाना लगभग 650 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 472 मामले हत्या के थे, जिनकी सबसे बड़ी वजह 'प्रेम प्रसंग' या संपत्ति से जुड़ा विवाद था। 2019 में ऐसे 521 मामले सामने आए थे। हत्या की तरह अपहरण के मामले भी कम हुए हैं। 2019 में दिल्ली में जहां अपहरण के 5,900 मामले दर्ज हुए, वहीं 2020 में इनकी संख्या कम होकर 4,062 रह गई।
अपहरण के मामले दिल्ली में सबसे ज्यादा
दिल्ली में पिछले अपहरण की घटनाओं में 3,000 से अधिक पीड़िताएं 12-18 साल की थी। 2019 की तुलना में गिरावट के बावजूद दिल्ली में अपहरण के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। दिल्ली के बाद मुंबई (1,173) और लखनऊ (735) का नंबर आता है।
महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर है दिल्ली
NCRB के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे असुरक्षित शहर है। राजधानी में बीते साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के 10,093 मामले दर्ज हुए थे, जो मुंबई, पुणे, गाजियाबाद, बेंगलुरू और इंदौर की तुलना में दोगुना हैं। पिछले साल दिल्ली में रेप के 997, दहेज के लिए हत्या के 110, शीलभंग करने के उद्देश्य से उत्पीड़न के 1,849 और छेड़छाड़ के 326 मामले दर्ज किए गए। इनमें से आधी पीड़िताओं की उम्र 30 साल से कम है।
अधिकतर मामलों में पीड़िताओं के जानकार ही आरोपी
2018 के बाद से दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हो रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या अभी भी बहुत ऊंची बनी हुई है। 2018 में ऐसे 13,640 मामले दर्ज किए थे। अगले साल यानी 2019 में इनमें लगभग 250 की कमी आई और 2020 में इनकी संख्या 10,093 रह गई। आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को अंजाम देने वालों में अधिकतर पीड़िताओं के जानकार (परिवार, पड़ोसी और पार्टनर) होते हैं।
साइबर क्राइम में हुआ इजाफा
2019 (115) की तुलना में पिछले साल दिल्ली में साइबर क्राइम के ज्यादा (168) मामले दर्ज हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने बताया कि हर मामले में औसतन 5-10 लोगों को हिरासत में लिया गया था। ये आरोपी मुख्यत: यौन सामग्री को प्रसारित/प्रकाशित करने, साइबर स्टॉकिंग, धोखाधड़ी और जबरन वसूली आदि में शामिल थे। इस साल बढोतरी के बावजूद अन्य महानगरों की तुलना में दिल्ली में कम साइबर क्राइम दर्ज हुए हैं।