दिल्ली: साथियों ने नाबालिग छात्र को पीटा, गुप्तांग में डाला डंडा; आंतें फटी
दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कुछ-कुछ 2012 के निर्भया कांड की याद दिलाता है। यहां कक्षा 8 के एक छात्र का उसके ही सहपाठियों ने यौन शौषण किया और उसके गुप्तांग में डंडा डाल दिया। इस कुकर्म से छात्र की आंत और अन्य आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा और वह लगभग एक महीने अस्पताल में भर्ती रहने के बाद अब घर लौटा है। 3 महीने बाद उसकी एक और सर्जरी होगी।
न्यू अशोक नगर का है मामला
यह मामला दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके का है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, इलाके के एक नामी स्कूल में पढ़ने वाले 14 वर्षीय पीड़ित छात्र का 13 मार्च को लंच के दौरान डेस्क बजाने को लेकर उसकी कक्षा के मॉनिटर से विवाद हुआ था। इससे नाराज मॉनिटर ने अपने दोस्त को बुलाकर छात्र की पिटाई करवाई। पूरी बात जब कक्षा अध्यापक तक पहुंची तो उन्होंने दोनों पक्षों के बीच सुलह करा दी।
आखिरी परीक्षा के दिन आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम
शिक्षक के समझौता कराने के बावजूद विवाद खत्म नहीं हुआ और 18 मार्च को आखिरी परीक्षा के दिन आरोपी मॉनिटर पीड़ित छात्र को बहला-फुसलाकर स्कूल के पीछे की तरफ ले गया। यहां उसके 3-4 दोस्त पहले से ही मौजूद थे, जिन्होंने पहले तो छात्र को डंडे से पीटा और फिर पेंट उतारकर उसके गुप्तांग में डंडा डाल दिया। आरोपियों ने छात्र को धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वह उसकी बहन के साथ भी ऐसा करेंगे।
कैसे हुआ घटना का खुलासा?
आरोपियों की धमकी से डरकर पीड़ित छात्र ने अपने परिजनों को कुछ नहीं बताया और लगभग 10 दिन तक पेट में दर्द को सहता रहा। जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो उसकी मां उसे 28 मार्च को नोएडा के एक निजी अस्पताल में लेकर गई, जहां पता चला कि उसकी आंत फटी हुई है। 29 मार्च को छात्र की सर्जरी हुई और 2 अप्रैल को होश आने पर उसने अपनी मां को पूरी वारदात के बारे में बताया।
आरोपी छात्र को गिरफ्तार किया गया
पीड़ित छात्र की शिकायत पर पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध), धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। आरोपी छात्र को भी गिरफ्तार कर किशोर न्याय बोर्ड को सौंप दिया गया। स्कूल प्रशासन ने मामले से पल्ला झाड़ लिया है। पीड़ित छात्र की मां ने स्कूल से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित छात्र के नहीं हैं पिता, बड़ी बहन चलाती है घर
पीड़ित छात्र और उसका परिवार मयूर विहार फेज-3 में रहता है। उसके पिता नहीं हैं। उनकी 4 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। परिवार में छात्र की मां के अलावा उसकी 2 बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन नौकरी करती है, जिससे घर का खर्च चलता है। दूसरी बहन उसी स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ती है। पीड़ित की मां ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है।