
बाटला हाउस एनकाउंटर: कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान को सुनाई मौत की सजा
क्या है खबर?
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने सोमवार को बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराए गए आतंकी सगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस' भी करार दिया है।
इतना ही कोर्ट ने आरिज खान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस राशि में से मृतक मोहन चंद्र शर्मा के परिवार को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये जारी किए जाएंगे।
पृष्ठभूमि
कब हुआ था बाटला हाउस एनकाउंटर?
13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में सिलेसिलेवार पांच धमाके हुए थे। इनकी जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी।
इन धमाकों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल 19 सितंबर, 2008 को बाटला हाउस की L-18 नंबर इमारत में पहुंची। यहां पर पुलिस की इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ हुई।
दोनों तरफ से गोलियां चलने से दो संदिग्ध आतंकियों की मौत हो गई और एक गोली इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा को लगी और उन्होंने बाद में दम तोड़ दिया।
दोषी
कोर्ट आरिज को 8 मार्च को ठहराया था दोषी
बता दें कि पटियाला हाउस अदालत ने गत 8 मार्च को मामले में सुनवाई करते हुए आरिज को दोषी करार दिया था और सजा के लिए 15 मार्च का दिन मुकर्रर किया था।
अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 186, 353, 333, 302, 207, 174A और 34 के तहत दोषी पाया था।
बता दें कि एनकाउंटर के वक्त आरिज भागने में कामयाब रहा था। 10 साल बाद उसे फरवरी, 2018 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
दलील
खुद को निर्दोष बता रहा था आरिज
इस मामले में सुनवाई के दौरान पिछले साल सितंबर में आरिज ने कहा था कि उस इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है।
इसके बाद पटिलाया हाउस अदालत में आखिरी बार दलील देते हुए उसके वकील ने कहा कि एनकाउंटर के समय आरिज के उस इमारत में उपस्थित होने या किसी भी तरह से संबंधित होने के कोई सबूत नहीं है।
हालांकि, उसकी दलील कोई काम नहीं आई और अदालत ने उसे दोषी करार दे दिया।
जानकारी
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है आरिज
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला आरिज खान कई अदालतों में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड बताया जाता है। गिरफ्तारी से पहले उस पर 15 लाख रुपये का ईनाम था। इंजीनियरिंग कर चुका आरिज बम बनाने में एक्सपर्ट माना जाता है।
अन्य
कई धमाकों का आरोपी है आरिज खान
बाटला हाउस एनकाउंटर में फांसी की सजा पाने वाला आंतकी आरिज खान दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश की कई अदालतों में हुए धमाकों का भी आरोपी है। इन हमलों में 165 लोगों की मौत हुई थी और 535 घायल हुए थे।
आरिज बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद से ही वह फरार था। उसके साथ फरार हुए दूसरे दोषी शहजाद अहमद को पुलिस ने 2013 में गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
गिरफ्तारी
इस तहर से हुई थी आरिज की गिरफ्तारी
अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने के लिए आरिज 2014 में सऊदी अरब भी गया था। यहां उसने इंडियन मुजाहिद्दीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों से मुलाकात की। 13 फरवरी, 2018 को वह भारत आया था।
इसी दौरान खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने उसे भारत-नेपाल सीमा के करीब से गिरफ्तार कर लिया था।
एक महीने पहले गिरफ्तार हुए SIMI कार्यकर्ता अब्दुल सुहान ने पुलिस को उसकी यात्रा की जानकारी दी थी।
मांग
दिल्ली पुलिस ने की थी आरिज को फांसी की सजा देने की मांग
मामले में फैसला सुनाने से पहले हुई सुनवाई में दिल्ली पुलिस के वकील एटी अंसारी ने आरिज को सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार बताते हुए उसे फांसी की सजा देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था कि आतंकी ने कानून का अनुपालन करवाने वाले अधिकारी की हत्या की थी। ऐसे में सख्त कदम उठाना जरूरी है।
इस फैसले के बाद आतंकी आरिज के वकील प्रशांत प्रकाश ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है।