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दिल्ली: क्लाउड सीडिंग के बाद भी क्यों नहीं हुई बारिश, विफल हो गई सरकार की योजना?
दिल्ली में मंगलवार को हुई थी कृत्रिम बारिश (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिल्ली: क्लाउड सीडिंग के बाद भी क्यों नहीं हुई बारिश, विफल हो गई सरकार की योजना?

लेखन गजेंद्र
Oct 29, 2025
10:49 am

क्या है खबर?

दिल्ली को वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से कृत्रिम बारिश के लिए प्रयोग करवाया गया था, लेकिन अभी तक उसके स्पष्ट परिणाम नहीं दिखे हैं। बुराड़ी में परीक्षण के बाद संभावना जताई जा रही थी कि मंगलवार को सफल क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बादल बनने से देर शाम तक बारिश हो जाएगी, लेकिन लोग इंतजार करते रहे। तो क्या दिल्ली में कृत्रिम बारिश की योजना असफल हो गई? आइए, सच्चाई जानते हैं।

बारिश

पहले जानिए, कहां हुई थी क्लाउड सीडिंग?

दिल्ली के बुराड़ी, मयूर विहार और करोल बाग क्षेत्रों में क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया के लिए विशेष विमानों ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से उड़ान भरी थी। इसे शाम को इलाके में दोबारा से दोहराया गया। क्लाउड-सीडिंग फ्लेयर्स से सुसज्जित विमान को नमी से भरे बादलों में उड़ाकर सिल्वरआयोडाइड और नमक आधारित यौगिकों जैसे कणों को फैलाया गया था। क्लाउड सीडिंग के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि यह एक प्रयोग है, जो सफल रहा तो महत्वपूर्ण समाधान निकलेगा।

प्रयोग

कृत्रिम बारिश को लेकर आई IIT कानपुर की रिपोर्ट

क्लाउड सीडिंग के बाद IIT कानपुर ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हल्की बूंदाबांदी का उल्लेख किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर-मेरठ के बीच 2 उड़ानें भरी गईं, जिनमें पहली उड़ान के दौरान 3-4 किलोग्राम और दूसरी उड़ान के दौरान 4 किलोग्राम सीडिंग मिश्रण बादलों में बिखेरा गया। पहली उड़ान दोपहर 12:13 बजे IIT कानपुर से उड़ी और 2:30 बजे मेरठ में उतरी। दूसरी उड़ान मेरठ से दोपहर 3:45 बजे उड़ी और 4:45 बजे उतरी।

अंतर

क्या प्रदूषण कम हुआ?

संस्थान ने बताया कि दोनों उड़ानों ने खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर, भोजपुर और अन्य इलाकों को कवर किया। इस दौरान बादलों में नमी कम थी। इसके बाद भी मंगलवार शाम लगभग 4 बजे नोएडा (0.1 मिमी) और ग्रेटर नोएडा (0.2 मिमी) में हल्की बूंदाबांदी हुई। रिपोर्ट में पहली सीडिंग के बाद मयूर विहार, करोल बाग, बुराड़ी के स्टेशनों पर सूक्ष्म प्रदूषित कण PM2.5 का स्तर 6-10 प्रतिशत और PM10 का स्तर 14-21 प्रतिशत तक गिर गया।

प्रदूषण

दूसरी उड़ान का नहीं दिखा ज्यादा असर

रिपोर्ट के मुताबिक, विमान की दूसरी उड़ान के बाद, PM10 के स्तर में थोड़ी गिरावट जारी रही, जबकि PM2.5 में नाममात्र की गिरावट देखी गई। IIT कानपुर के शोधकर्ताओं ने इसके पीछे सीडिंग कणों से उत्पन्न सघन नमी को कारण बताया है, जिसने नाममात्र की हवा न होने के बावजूद कुछ प्रदूषकों को जमने में मदद की। हालांकि, दिल्ली वालों की नजर में यह प्रक्रिया असफल रही। उन्हें अच्छी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन बूंदाबांदी का अहसास भी नहीं हुआ।

बयान

पर्यावरण मंत्री ने क्या कहा?

सिरसा ने इंडिया टुडे से कहा कि इस प्रक्रिया के लिए बादल अनिवार्य हैं और आमतौर पर 50 प्रतिशत से ज्यादा नमी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, "IIT कानपुर ने प्रयोग किया, हम उन पर निर्भर हैं। परीक्षण यह देखने के लिए था कि क्या हम 10-15 प्रतिशत नमी में सीडिंग कर सकते हैं। चूंकि IIT कानपुर को पूरा भरोसा था, इसलिए हमने इसे आगे बढ़ाया।" उन्होंने कहा कि अब उत्तरी दिल्ली और बाहरी इलाकों में 9-10 परीक्षण होंगे।