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दिल्ली विस्फोट जांच में अहम खुलासा, आतंकी मॉड्यूल ने बनाई थी 'D-6' हमले की योजना
देश में 6 दिसंबर को बड़े आत्मघाती हमले की साजिश कर रहा था आतंकी मोड्यूल

दिल्ली विस्फोट जांच में अहम खुलासा, आतंकी मॉड्यूल ने बनाई थी 'D-6' हमले की योजना

Nov 17, 2025
12:17 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पिछले सप्ताह 10 नवंबर को i20 कार में हुए जोरदार विस्फोट की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अहम खुलासा किया है। फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के सामने आए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुडा सफेदपोश आतंकी मोड्यूल कथित तौर पर 6 दिसंबर को एक बड़े फिदायीन हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। यह तैयारी सालों से चल रही थी।

मास्टरमाइंड

शाहीन और उमर थे साजिश के मुख्य सूत्रधार

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, जांच एजेंसियों का मानना ​​है कि पूरी घटना के केंद्र में डॉ शाहीन शाहिद उर्फ मैडम सर्जन और हमले में मारा गया डॉ मोहम्मद उमर नबी हैं। शाहीन JeM के चिकित्साकर्मियों के मॉड्यूल की भूमिगत सूत्रधार थीं। वह 6 दिसंबर को देश के 6 प्रमुख शहरों में विस्फोटक उपकरण लगाकर बड़े पैमाने पर आत्मघाती हमले की योजना तैयार कर रही थी। जांच में कुछ डिजिटल साक्ष्य, हस्तलिखित डायरियां और योजना संबंधी नोट्स बरामद हुए हैं।

जिम्मेदारी

शाहीन को सौंपी गई थी अहम जिम्मेदारी

शुरुआती जांच के अनुसार, शाहीन को भारत में JeM की महिला शाखा की स्थापना और नेतृत्व का काम सौंपा गया था, जो जमात-उल-मोमिनीन के बैनर तले प्रतिबंधित संगठन का एक नया महिला भर्ती और संचालन नेटवर्क है। शाहीन की गिरफ्तारी डॉ मुजम्मिल अहमद गनई की गिरफ्तारी के बाद हुई, जो फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय से भी जुड़े हैं। 6 दिसंबर के हमले की योजना के लिए ही फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक जमा किया गया था।

जिक्र

आतंकियों के नोट्स में मिला 'D-6' का जिक्र

आतंकियों के पास बरामद कुछ नोट्स में 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए 6 दिसंबर बड़े हमले की योजना का जिक्र था। इस मिशन को 'D-6' नाम दिया गया था। आतंकियों के नोट्स में लक्ष्य सूची, भर्ती प्रक्रिया, धन की आवाजाही और सुरक्षित संचार प्रोटोकॉल का उल्लेख मिला है। शाहीन, मुजम्मिल और उमर कथित तौर पर 2021 में JeM के एक गहरे समर्थित संगठन में शामिल हुए थे और तब से इस काम में जुटे थे।

तैयारी

युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर रहा था उमर

जांचकर्ताओं ने बताया कि उमर कई युवकों को संभावित आत्मघाती हमलों के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा था और सक्रिय रूप से ब्रेनवॉश कर रहा था। एजेंसियां उमर के संपर्क में आए युवकों तक भी पहुंच गई है। अधिकारियों ने JeM हैंडलर के जरिए उमर, मुजम्मिल और शाहीन द्वारा इस्तेमाल के लिए 20 लाख रुपये के हवाला चैनल का भी पर्दाफाश किया है। इस पैसे से भर्ती, सुरक्षित ठिकाने, सुरक्षित फोन और जासूसी के लिए जुटाया गया था।

जांच

शाहीन के वित्तीय कामकाज की भी हो रही ऑडिट

एजेंसियों ने शाहीन के वित्तीय कामकाज की ऑडिट करना भी शुरू कर दिया है। इसके तहत उसके कानपुर के 3 बैंक खातों, लखनऊ के दो खातों और दिल्ली के दो खातों में हर बड़े हस्तांतरण, नकद निकासी और अस्पष्टीकृत जमा की जांच की जा रही है। टीमें कानपुर में खासकर GSVM मेडिकल कॉलेज में भी शाहीन की गतिविधियों की भी जांच कर रही हैं। यह वही कॉलेज है, जहां से शाहीन बिना सूचना दिन अचानक गायब हो गई थी।

मंजूरी

मार्च 2022 में मिली थी 'D-6' साजिश की मंजूरी

अधिकारियों के अनुसार, शाहीन GSVM मेडिकल कॉलेज के L-ब्लॉक परिसर में रहती थी। दिसंबर 2013 में अपनी विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने के बाद वह वहां से चली गई थी। उसके बाद साल 2021 में पत्राचारों का जवाब न मिलने पर संस्थान ने उसे बर्खास्त कर दिया। पूछताछ में पता चला कि मॉड्यूल मार्च 2022 में ISI हैंडलर अबू उकाशा से मिलने के लिए तुर्की गया था, जहां 6 दिसंबर की योजना की हरी झंडी मिली थी।

आतंकवादी

शाहीन कैसे प्रोफेसर से बनी आतंकवादी?

अधिकारियों ने बताया कि शाहीन के डॉक्टर से आतंकवादी बनने का सफर 2010 से शुरू हुआ था। उस दौरान विदेश में एक भारतीय मूल के डॉक्टर के संपर्क में आने के बाद उसके विचारों में बदलाव आना शुरू हो गया था। उसके बाद साल 2015-16 में JeM में शामिल हुई और 2021 से पाकिस्तान स्थित आकाओं द्वारा समर्थित 'D-6' साजिश में शामिल हो गई। उसने 2021 में अपनी एक रिश्तेदार को अपने समुदाय का कर्ज चुकाने की बात कही थी।

पृष्ठभूमि

दिल्ली विस्फोट में हुई है 12 लोगों की मौत

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को एक हुंडई i20 कार में हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी और फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉक्टर उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी, मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना गया है। जांचकर्ताओं ने एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जिसे कथित तौर पर इस विश्वविद्यालय के डॉक्टरों सहित उच्च शिक्षित पेशेवर चला रहे हैं।