सिक्किम: बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा 77 पर पहुंचा, 100 से ज्यादा अभी भी लापता
सिक्किम में बुधवार (4 अक्टूबर) को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। अब इस बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा 77 पर पहुंच गया है, जिसमें भारतीय सेना के जवान भी शामिल हैं। बचाव दलों ने अब तक 29 शव बरामद किए हैं। 100 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
2,500 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया
सिक्किम के आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया है कि अब तक 2,500 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। करीब 3,000 लोगों को राज्य के उत्तरी क्षेत्र में राहत शिविरों में भेजा गया है। रविवार को उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) बचाव दल ने रोपवे के माध्यम से 56 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। लापता लोगों की तलाश पश्चिम बंगाल के उत्तरी इलाकों तक की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा राहत शिविरों में रह रहे लोगों को भी 2,000 रुपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और कई पुल बह गए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य के लिए 44.8 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
नुकसान का आंकलन करेगी अतंर-मंत्रालयीय समिति
बाढ़ प्रभावित राज्य में नुकसान का आंकलन करने के लिए गृह मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालयीय समिति गठित की है। इसमें कृषि, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जल शक्ति, ऊर्जा और वित्त सहित 5 मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। ये समिति आज राज्य का दौरा करेगी और जमीन स्थिति का आंकलन करने के बाद नुकसान का जायजा लेगी। आज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री तमांग के साथ बैठक की।
बाढ़ से कितना हुआ नुकसान?
बाढ़ से राज्य में कुल 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के 8 पुल शामिल हैं। सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में हुई है। यहां का करीब 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ की चपेट में आया है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 को भी कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है, पुल बह गए हैं और उत्तरी सिक्किम में संचार सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है।
न्यूजबाइट्स प्लस
4 अक्टूबर को ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से झील में अचानक पानी बढ़ गया था। इस वजह से झील टूट गई और इसका पानी एक साथ निचले इलाके में स्थित चुंगथांग बांध की ओर बहने लगा। अचानक आए तेज बहाव को बांध सहन नहीं कर सका और टूट गया। इससे तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट बढ़ गया और आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई।