गुजरात तट से नहीं टकराएगा वायु, रातभर में बदला रास्ता, ऐहतियात के तौर पर सेना तैनात
चक्रवाती तूफान वायु अब गुजरात तट से नही टकराएगा। वायु ने अपना रास्ता बदल लिया है और वह समुद्र में आगे बढ़ गया है। इसके बावजूद किसी भी नुकसान की आशंका को देखते हुए पश्चिमी तट पर हाई अलर्ट जारी है। वायु की वजह से अगले एक दो दिन तक तेज रफ्तार से हवाएं चलेंगी। हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तटीय इलाकों में नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की 52 टीमों को तैनात किया गया है।
पोरबंदर, द्वारका के पास से निकलेगा वायु
मौसम विभाग की अधिकारी मनोरमा मोहंती ने बताया कि चक्रवाती तूफान वायु गुजरात से नहीं टकराएगा। यह वेरवाल, पोरबंदर और द्वारका के पास से गुजरेगा। उन्होंने बताया कि इस वजह से तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है और तेज रफ्तार हवाएं चलेंगी। पहले माना जा रहा था कि 'अति गंभीर चक्रवाती तूफान' वायु गुरुवार दोपहर पोरबंदर और वेरवाल के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इसे लेकर तैयारियां की जा चुकी थी।
वायु ने बदला रास्ता
स्कूल, कॉलेज, हवाई अड्डे सब बंद
तूफान को देखते हुए पश्चिमी रेलवे ने 70 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। तूफान के गुजर जाने तक तटीय इलाकों के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। नौसेना के गोताखोरों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इसके अलावा पोरबंदर, दीव, भावनगर, केशोड और कांडला हवाई अड्डों पर बुधवार रात से संचालन रोका गया है। मौसम को देखते हुए सूरत हवाई अड्डे पर भी संचालन रोका जा सकता है।
लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर जाने की अपील
चक्रवाती तूफान वायु का असर मुंबई में भी देखने को मिला। खराब मौसम की वजह से 400 उड़ानें प्रभावित हुई हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने द्वारका, सोमनाथ, सासन और कच्छ में घूमने आये पर्यटकों से जल्दी सुरक्षित ठिकानों पर निकल जाने की अपील की है। तूफान को देखते हुए नौसेना, सेना, सीमा सुरक्षा बल, कोस्टगार्ड आदि को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वो राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
स्थिति पर नजर रख रही केंद्र सरकार- प्रधानमंत्री मोदी
मई में फेनी ने मचाई थी तबाही
मई की शुरुआत में भारत के पूर्वी तटीय राज्यों में भी चक्रवाती तूफान फेनी आया था। फेनी वायु से ज्यादा खतरनाक था। इसका मुख्य असर ओडिशा में देखने को मिला था, जहां करोड़ो रुपये की संपत्ति का नुकसान होने के अलावा 34 लोगों की मौत हो गई। हालांकि राज्य सरकार के समय रहते उठाए गए कदमों और शानदार राहत और बचाव अभियान से यह नुकसान बहुत सीमित हो गया। राज्य सरकार के इन कदमों की दुनियाभर में सराहना हुई थी।