वापस लौटेगा चक्रवाती तूफान वायु, 17-18 जून को कच्छ तट से टकराएगा
चक्रवाती तूफान 'वायु' का खतरा अभी टला नहीं है और ये फिर से वापस लौट सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, चक्रवात वायु एक बार फिर से रास्ता बदलेगा और अगले हफ्ते 17-18 जून को गुजरात के कच्छ से टकराएगा। इस दौरान इसकी तीव्रता और हवा की रफ्तार भी घट जाएगी। इससे पहले इस चक्रवात को 13 जून को गुजरात के तट से टकराना था, लेकिन इसने अपना रास्ता बदल लिया।
घटेगी वायु की तीव्रता
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि चक्रवात वायु एक बार फिर से मुड़ेगा और 17-18 जून को कच्छ तट से टकराएगा। उन्होंने बताया कि 16 जून तक चक्रवात वायु की तीव्रता घट जाएगी और ये चक्रवाती तूफान या गहरे तनाव के तौर पर तट से टकरा सकता है। राजीवन ने बताया कि गुजरात सरकार को इस चक्रवाती तूफाने के वापस लौटने के बारे में सूचित कर दिया गया है।
गंभीर चक्रवाती तूफान से गंभीर चक्रवाती तूफान में बदला वायु
वहीं, भारतीय मौसम विभाग (IMD) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह चक्रवात वायु की तीव्रता बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान से घटकर गंभीर चक्रवाती तूफान रह जाएगी। चक्रवात चेतावनी प्रभाग के अनुसार, "चक्रवात पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में वायु गति 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटा और गिर सोमनाथ और जूनागढ़ में 30-40 किमी प्रति घंटा है। 48 घंटे बाद इसके उत्तर की तरफ मुड़ने की संभावना है।"
13 जून को गुजरात तट से टकराने वाला था वायु
बता दें कि पहले चक्रवात वायु को 13 जून को गुजरात के पोरबंदर और कच्छ तट से टकराना था, लेकिन 12-13 जून की रात इसने अपना रास्ता बदल लिया और गुजरात के तट के किनारे-किनारे आगे बढ़ गया। इसका असर गिर सोमनाथ, दियू, जूनागढ़ और पोरबंदर जिलों में देखने को मिला। हालांकि इसके रास्ता बदलने के बावजूद भी मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने NDRF टीमों को 48 घंटे तक तटीय इलाकों पर तैनात रखा था।
सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए 2 लाख लोग
राज्य सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए तटीय इलाकों में रह रहे लगभग 2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। इसके चलते पश्चिमी रेलवे ने 70 ट्रेनें रद्द की। वहींं मुंबई में खराब मौसम की वजह से 400 उड़ानें प्रभावित हुई।
मई में फेनी ने मचाई थी तबाही
मई की शुरुआत में भारत के पूर्वी तटीय राज्यों में भी चक्रवाती तूफान फेनी आया था। फेनी वायु से ज्यादा खतरनाक था। इसका मुख्य असर ओडिशा में देखने को मिला था, जहां करोड़ो रुपये की संपत्ति का नुकसान होने के अलावा 34 लोगों की मौत हो गई। हालांकि राज्य सरकार के समय रहते उठाए गए कदमों और शानदार राहत और बचाव अभियान से यह नुकसान बहुत सीमित हो गया। राज्य सरकार के इन कदमों की दुनियाभर में सराहना हुई थी।