कोरोना वायरस: केंद्र की राज्यों को सलाह, अस्पतालों में उपलब्ध बेड्स और एंबुलेंस का बनाए डैशबोर्ड
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में देश के चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। तेजी से बढ़ती संक्रमितों की संख्या के कारण अस्पताल में ऑक्सीजन, बेड्स और एंबुलेंस की कमी आ गई है। इसका खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को झेलना पड़ रहा है।
इसी बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को समस्या से निपटने के लिए अस्पतालों में मौजूद बेड्स और एंबुलेंसों की रियल टाइम जानकारी देने के लिए डैशबोर्ड बनाने की सलाह दी है।
सलाह
राज्य और जिला स्तर पर बनाए जाने चाहिए डैशबोर्ड- मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि महामारी की इस स्थिति में राज्य सरकारों को अस्पतालों में मौजूद बेड्स, एंबुलेंस और परिवहन वाहनों सहित अन्य कोरोना समर्पित सुविधाओं की रियल टाइम जानकारी देने के लिए डैशबोर्ड बनाना चाहिए। इससे लोगों को उपलब्ध सुविधाओं की सही जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के डैशबोर्ड को राज्य स्तर और जिला स्तर पर संचालित करने से परेशानियों में कमी आएगी।
जानकारी
प्रभावित जिलों में विकसित की जाए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं- अग्रवाल
अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकारों को संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे अन्य जिलों या शहरों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर कम भार पड़ेगा और परेशानियों से निजात मिलेगी।
प्रभावित
आठ राज्यों में है एक लाख से अधिक सक्रिय मामले- अग्रवाल
अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में देश के आठ राज्यों में एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं।
इनमें महराष्ट्र में सबसे अधिक सात लाख, उत्तर प्रदेश 2.98 लाख, उत्तर प्रदेश 2.63 लाख, केरल 2.19 लाख, राजस्थान 1.36 लाख, छत्तीसगढ़ 1.23 लाख, गुजरात 1.15 लाख और तमिलनाडु में 1.05 लाख सक्रिय मामले हैं।
उन्होंने कहा कि इन प्रभावित राज्यों को होम क्वारंटाइन मामलों की प्रभावी निगरानी करने के साथ गंभीर मामलों को अस्पताल में भर्ती करने के प्रयास करने चाहिए।
परेशानी
बिना आवश्यकता अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं लोग- गुलेरिया
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वर्तमान में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत के लिए लोगों का डर जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि लोग डर के कारण जरूरत नहीं होने पर भी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। इससे आवश्यकता वाले मरीजों को समय पर बेड नहीं मिल रहे हैं।
इसी तरह लोग दवाइयों ऑर ऑक्सीजन सिलेंडरों को भी घर पर स्टोर कर रहे हैं। इससे किल्लत बढ़ती है।
सलाह
आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन और दवाइयों का इस्तेमाल करें डॉक्टर- गुलेरिया
डॉ गुलेरिया ने चिकित्सकों को ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर जैसे दवाइयों का आवश्यकता के अनुसार ही उपयोग करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि अब संक्रमितों की संख्या को कम करने के साथ उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा। चिकित्सकों को रेमडेसिवीर जैसी दवाइयों से अलग हटकर सोचने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके बाद लोगों में इन दवाओं को स्टोर करने की प्रवृति कम होगी और कमी दूर होगी।
प्रयास
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास कर रही है सरकार
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन ज्यादा बढ़ा है। हमारी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 7,259 मीट्रीक टन है और 24 अप्रैल को 9,103 मीट्रीक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशों से ऑक्सीजन टैंकरों की खरीद के आदेश भी दिए हैं। टैंकरों का विदेशों से परिवहन बड़ी चुनौती है। ऐसे में सरकार रियल टाइम ट्रैकिंग के जरिए टैंकरों के आवागमन की निगरानी कर रही है।
जानकारी
12 राज्यों में 80 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्करों को लगी वैक्सीन की पहली खुराक
अतिरिक्त सचिव ने बताया कि देश में वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है। 12 राज्यों में 80 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्करों को पहली खुराक दी जा चुकी है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने 60 साल से अधिक उम्र वालों का सबसे अधिक वैक्सीनेशन किया है।
राहत
संक्रमण से ठीक हो चुके हैं 82 प्रतिशत मरीज- अग्रवाल
अग्रवाल ने कहा कि इस समय देश में 82 प्रतिशत संक्रमित ठीक हो चुके हैं। ऐसे में वर्तमान में 16.25% मामले यानी 28,13,658 सक्रिय मामले हैं और उनका उपचार जारी है।
इसी तरह देश की मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत पर टिकी हुई है। यह देश के लिए सबसे बड़ी राहत की बात है। ऐसे में कहा जा सकता है कि करीब 98.88 प्रतिशत मामले उपचार के बाद ठीक हो रहे हैं। हालांकि, पॉजिटीविटी रेट अभी भी अधिक है।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,52,991 नए मामले सामने आए और 2,812 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,73,13,163 हो गई है। इनमें से 1,95,123 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या 28 लाख के आंकड़े को पार करके 28,13,658 हो गई है।