श्रद्धा हत्याकांड: जांच भटकाने का प्रयास कर रहा आरोपी, अब होगा नार्को टेस्ट
दिल्ली के सनसनीखेज श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट करवाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान आफताब पुलिस को सही जानकारी नहीं दे रहा और वह पुलिस को जांच को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में पुलिस ने अदालत से आरोपी का नार्को टेस्ट करवाने की अनुमति मांगी थी। अब साकेत जिला अदालत ने आरोपी के नार्को टेस्ट को हरी झंडी दे दी है।
आरोपी नहीं दे रहा सही जानकारी
दिल्ली पुलिस को शक है कि आरोपी जांच को भटकाने का प्रयास कर रहा है। वह साफ-साफ नहीं बता रहा कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा वाकर की हत्या करने के बाद उसके फोन और लाश के टुकड़े करने के लिए इस्तेमाल आरी का क्या किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक बार उसने पुलिस को बताया था कि उसने श्रद्धा का फोन महाराष्ट्र में फेंका था तो दूसरी बार बताया कि उसने दिल्ली में फोन नष्ट कर दिया था।
नार्को टेस्ट को नहीं माना जाता सबूत
नार्को टेस्ट को अदालत में सबूत की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन यह मेडिकल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आफताब और श्रद्धा के दोस्तों के बयानों के साथ डाटा के टेक्निकल एनालिसिस के साथ दिल्ली पुलिस की जांच में मदद कर सकता है। बता दें कि नार्को टेस्ट के दौरान व्यक्ति को एक खास इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे वह अर्ध-बेहोशी की स्थिति में चला जाता है और उससे पहले से तय सवालों के जवाब पूछे जाते हैं।
आरोपी ने शव के किए थे 35 टुकड़े
पेशे से शेफ आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा की हत्या के बाद उसकी लाश के 35 टुकड़े कर दिए थे। उसने इन टुकड़ों को एक फ्रीज में जमा किया और बाद में एक-एक टुकड़े को अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया। मंगलवार को पुलिस आरोपी को लेकर उन स्थानों पर गई थी, जहां वह लाश के टुकड़े फेंका करता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस अभी तक श्रद्धा का सिर बरामद नहीं कर पाई है।
शादी करने को तैयार नहीं था आफताब
बताया जा रहा है कि श्रद्धा आफताब पर शादी करने के लिए दबाव डाल रही थी, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं था। उसने हत्या से एक बार पहले भी श्रद्धा को मारने का प्रयास किया था, लेकिन श्रद्धा के रोने पर उसे छोड़ दिया। शादी की बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ने लगा और 18 मई को आफताब ने श्रद्धा का कत्ल कर दिया। उसने 18 दिनों में शव के 35 टुकड़े अलग-अलग जगहों पर फेंके थे।
सबसे आखिर में फेंका सिर
आफताब ने पुलिस को बताया कि वह रोजाना तड़के 2 बजे एक बैग में शव के टुकड़े लेकर घर से निकलता और उन्हें महरौली के जंगलों में अलग-अलग जगहों पर फेंकता था, ताकि उन्हें जानवर खा जाएं और उस पर किसी को शक न हो। उसने बताया कि वह शवों के टुकड़ों से आने वाली दुर्गन्ध को अगरबत्ती जलाकर भगाता था। उसने फ्रिज में श्रद्धा का सिर सुरक्षित रखा था और वह उसे रोजाना देखने का आदि हो गया था।