अंडमान निकोबार में बढ़ने लगा कोरोना का प्रकोप, राष्ट्रीय औसत से तीन गुना पहुंची पॉजीटिविटी रेट
कोरोना वायरस (COVID-19) ने भारतीय द्वीप समूह अंडमान और निकोबार को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कुछ दिन पहले संक्रमण को काबू में रखते दिख रहे केंद्र शासित प्रदेश में पिछले 10 दिनों से पॉजीटिविटी रेट देश में सबसे ज्यादा और ट्रांसमिशन रेट दूसरे नंबर पर है। अभी तक अंडमान और निकोबार में 1,625 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 20 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 709 लोग ठीक हो चुके हैं।
26 मार्च को सामने आया था पहला मामला
लगभग 3.81 लाख की आबादी वाला यह द्वीप समूह अब तक कोरोना की चपेट से बचा हुआ था। यहां 26 मार्च को पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से जुलाई मध्य तक यहां रोजाना 10 से कम लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी। 19 जुलाई को यहां पहली बार 15 मरीजों के साथ नए संक्रमितों की संख्या दहाई के अंकों में पहुंची। 10 अगस्त को यह संख्या कई गुना बढ़कर 113 हो गई।
बीते 10 दिनों में 1,000 से ज्यादा मामले
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि अंडमान और निकोबार में पिछले 10 दिनों में 1,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 31 जुलाई को यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 548 थी, जो 10 अगस्त को 1,625 हो गई।
अंडमान और निकोबार में पॉजीटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से तीन गुना
मामलों में इजाफे के साथ-साथ अंडमान और निकोबार की पॉजीटिविटी रेट भी देश में सबसे ज्यादा है। पॉजीटिविटी रेट का मतलब है कि 100 सैंपल में से कितने कोरोना पॉजीटिव निकल रहे हैं। अंडमान और निकोबार में यह राष्ट्रीय औसत से तीन गुना है। सोमवार को भारत में टेस्ट पॉजीटिविटी रेट 9.65 थी, जबकि यहां यह 31.9 है। इसका मतलब यह हुआ कि यहां 100 सैंपल में से लगभग 32 में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो रही है।
चंडीगढ़ के बाद ट्रांसमिशन रेट सर्वाधिक
पॉजीटिविटी रेट के साथ-साथ अंडमान और निकोबार की ट्रांसमिशन रेट भी राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है। ट्रांसमिशन रेट को रिप्रोडक्शन नंबर, R वैल्यू या सिर्फ R से भी जाना जाता है। भारत में ट्रांसमिशन रेट 1.09 है, जबकि अंडमान और निकोबार में यह 1.34 है, जो चंडीगढ़ (1.37) के बाद सबसे ज्यादा है। ट्रांसमिशन रेट का मतलब यह होता है कि एक संक्रमित व्यक्ति अपने संपर्क में आए अन्य कितने लोगों तक वायरस को पहुंचाता है।
प्रशासन बाहर से लौटे लोगों को ठहरा रहा जिम्मेदार
केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी मामलों में आए इस उछाल के लिए बाहर से आए लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के उप निदेशक डॉक्टर अविजित रॉय ने द प्रिंट से कहा, "जो लोग उड़ानों से आए और खुद को क्वारंटाइन नहीं किया। वो बाजार में घूमते रहे, जिससे वायरस दूसरे लोगों तक फैला। इसी वजह से यह परेशानी हुई है।" मामले बढ़ते देखते हुए प्रशासन ने दक्षिण अंडमान में मंगलवार तक कड़ा लॉकडाउन लागू किया था।
दक्षिण अंडमान में हालात ज्यादा गंभीर
सरकारी बुलेटिन में बताया गया है कि दक्षिण अंडमान में 367 बेडों में से 263 पर मरीज भर्ती हैं। इसकी तुलना में उत्तर और मध्य अंडमान में संक्रमण का प्रकोप कम हैं। यहां 123 बेडों में से केवल 11 पर मरीज भर्ती हैं। रॉय ने कहा कि निकोबार एक आदिवासी जिला है और प्रशासन वहां जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखा रहा है। निकोबार में सोमवार तक आठ मामले सामने आए हैं।
45 डॉक्टरों समेत लगभग 100 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित
स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने के कारण भी अंडमान और निकोबार में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ा है। यहां कोर टीम के 45 डॉक्टरों समेत लगभग 100 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
संक्रमण रोकने के लिए उठाए जा रहे उचित कदम- रॉय
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रशासन का दावा है कि वह संक्रमण पर काबू पाने के लिए उचित कदम उठा रहा है। रॉय ने बताया, "उत्तर और मध्य अंडमान में अगले आदेश तक लॉकडाउन जारी है। 18 अगस्त तक बुरी तरह प्रभावित राज्यों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। टेस्टिंग को तेज करने के साथ निजी अस्पतालों के 80 बेड लिए गए हैं। देखभाल केंद्रों में भी 550 बेड जोड़े गए हैं।"