
कुणाल कामरा FIR रद्द कराने बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे, एकनाथ शिंदे को "गद्दार" कहने का मामला
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को "गद्दार" कहने के बाद दर्ज FIR को रद्द कराने कॉमेडियन कुणाल कामरा बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे हैं।
उन्होंने हाई कोर्ट से शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के आधार पर 24 मार्च को खार पुलिस थाने में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की भी मांग की है।
अधिवक्ता मीनाज काकलिया के जरिए दायर याचिका को सोमवार सुबह न्यायमूर्ति सारंग वी कोतवाल और न्यायमूर्ति एसएम मोदक की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
याचिका
याचिका में किस आधार पर FIR दर्ज करने की मांग की गई?
कामरा की याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने वाले विधायक पटेल पर खुद धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं और उनके खिलाफ जाति प्रमाणपत्र में हेराफेरी करने का भी मामला है।
याचिका में कहा गया कि FIR दुर्भावनापूर्ण तरीके से दर्ज की गई है, जबकि प्रथम दृष्टया इसमें कोई अपराध नहीं बनता।
कामरा को मुंबई पुलिस 3 समन भेज चुकी हैं, जिसमें कामरा नहीं पहुंचे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान दर्ज करने की मांग की थी।
आरोप
पटेल की शिकायत पर कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ
शिवसेना विधायक पटेल ने पुलिस को शिकायत की थी कि कामरा ने शिंदे के नैतिक आचरण के बारे में अपमानजनक बयान देकर उनकी मानहानि की।
उनका दावा है कि कामरा ने उनकी पार्टी और उनके प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों की भावनाओं को एक-दूसरे के प्रति आहत करके 2 राजनीतिक दलों के बीच नफरत पैदा की।
कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(बी), 353(2) (सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाले बयान), 356(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज है।
विवाद
क्या है मामला?
कामरा ने मुंबई में द यूनिकॉन्टिनेंटल होटल के अंदर हैबिटेट स्टूडियो में 'नया भारत' कार्यक्रम किया, जिसमें उन्होंने पैरोडी गीत में उपमुख्यमंत्री शिंदे का नाम लिए बगैर उन्हें 'गद्दार' बताया था।
इसके बाद शिवसैनिकों ने होटल-स्टूडियो में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने कामरा के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार 12 शिवसैनिक उसी दिन स्थानीय कोर्ट से छूट गए थे।
कामरा ने माफी मांगने से इंकार कर दिया है। वे अभी तमिलनाडु में हैं।