मणिपुर: आतंकियों का सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला, कर्नल सहित छह की मौत
क्या है खबर?
मणिपुर में आतंकियों के एक संगठन ने शनिवार को घात लगाकर सेना के काफिले को निशाना बनाया है। इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल और तीन जवान शहीद हो गए।
इसके अलावा कर्नल की पत्नी और बेटे की भी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची सेना की अन्य टुकड़ी ने शवों को कब्जे में लेकर सर्च अभियान शुरू कर दिया।
आतंकियों का यह हमला इस क्षेत्र में वर्षों में हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है।
हमला
आतंकियों ने म्यांमार सीमा के पास किया हमला
NDTV के अनुसार, घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में म्यांमार सीमा के पास हुई है। यह स्थान राजधानी इंफाल से 100 किमी उत्तर में स्थित एक अत्यंत दूरस्थ गांव है।
उस दौरान कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनका परिवार काफिले के साथ जा रहा था। उसी दौरान घात लगाकर बैठे आतंकियों ने काफिले पर हमला कर दिया।
इसमें कर्नल सहित तीन जवान शहीद हो गए और उनकी पत्नी और बेटे की भी मौत हो गई।
ट्वीट
मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने की घटना की पुष्टि
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट कर कर्नल सहित तीन जवानों और उसके परिवार की मौत की पुष्टि की है।
उन्होंने लिखा, '46 असम राइफल्स के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हैं, जिसमें आज कमांडिंग ऑफिसर और उनके परिवार के समेत कुछ जवानों की मौत हो गई है। राज्य पुलिस और पैरा मिलेट्री आतंकियों को पकड़ने के काम में लगी हुई है। दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।'
पृष्ठभूमि
साल 2015 में शहीद हुए थे 20 जवान
कई पूर्वोत्तर राज्यों की तरह मणिपुर भी दर्जनों सशस्त्र समूहों का गढ़ रहा है। ये समूह लंबे समय से स्वायत्तता और अलग राज्य की मांग के लिए लड़ रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में दशकों से सेना तैनात है।
इस राज्य की सीमा चीन, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान से लगने के कारण यहां आतंकी गतिविधियां होती रहती है।
साल 2015 में मणिपुर में भी आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था। जिसमें 20 जवान शहीद हुए थे।
जानकारी
हमले के पीछे बताया जा रहा है पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ
इस हमले को लेकर सेना की ओर से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस हमले के पीछे मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। सर्च अभियान जारी है।