प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गणेशोत्सव पर अपने घर बुलाने पर CJI चंद्रचूड़ ने दिया जवाब
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सितंबर में गणेशोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने आवास पर आमंत्रित करने के मामले पर अब टिप्पणी की है। लोकसत्ता व्याख्यान पर उन्होंने कहा कि जब न्यायपालिका-कार्यपालिका आपस में बातचीत करती हैं, तो लगता है कि समझौता हो रहा, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरकार के विभिन्न अंगों के बीच मजबूत संवाद का हिस्सा है क्योंकि तीनों अंगों (विधायिका-कार्यपालिका-न्यायपालिका) का काम राष्ट्र की बेहतरी के लिए है।
आगे क्या बोले CJI?
CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा, "हम लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में अपने कर्तव्यों को जानते हैं और इसी तरह राजनीतिक कार्यपालिका अपने कर्तव्यों को जानती है। कोई भी न्यायाधीश, खासतौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश या अन्य मुख्य न्यायाधीश, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए दूर से भी कोई वास्तविक या अनुमानित खतरा उत्पन्न नहीं कर सकते।" CJI ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मुख्य न्यायाधीश का मुख्यमंत्रियों से मिलना एक प्रथा है, लेकिन इसमें न्यायिक चर्चा कभी नहीं की जाती।
मजबूत संबंध के लिए बैठकें जरूरी- CJI
CJI ने कहा, "संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों और कार्यपालिका के प्रमुखों में इतनी परिपक्वता है कि वे न्यायिक मामलों को किसी भी चर्चा के दायरे से बाहर रख सकते हैं।" उन्होंने कहा कि आप न्यायिक चर्चा के लिए कभी नहीं मिलते और हमारी राजनीतिक व्यवस्था की परिपक्वता इस तथ्य में निहित है कि न्यायपालिका के प्रति अधिक सम्मान है, यहां तक राजनीतिक वर्ग में भी ऐसा है। न्यायपालिका और सरकार के बीच मजबूत संवाद के लिए ये बैठकें जरूरी हैं।
क्या है प्रधानमंत्री मोदी और CJI की मुलाकात को लेकर विवाद
सितंबर में गणेशोत्सव के दौरान CJI चंद्रचूड़ के आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मराठी वेशभूषा में पूजा के लिए पहुंचे थे। उनकी भगवान की आरती करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई थी। इसपर महाराष्ट्र की शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रवक्ता संजय राउत ने आपत्ति जताई। उन्होंने मांग की कि CJI को एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मामले से खुद को बाहर कर लेना चाहिए। बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी सवाल उठाया था।
11 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं चंद्रचूड़
CJI चंद्रचूड़ 11 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 51वें CJI के रूप में सुप्रीम कोर्ट का दायित्व संभालेंगे। चंद्रचूड़ ने नवंबर 2022 में CJI का कार्यभार संभाला था। सुप्रीम कोर्ट में CJI की सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष है।