
छत्तीसगढ़: धर्मांतरण पर बनाया जाएगा सख्त कानून, 2 महीने पहले कलेक्टर को देनी होगी जानकारी
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार राज्य में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार है और विधानसभा के मौजूदा सत्र में इसे पेश किया जा सकता है।
राज्य सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी इसके संकेत दिए हैं। बता दें कि विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने राज्य में धर्मांतरण को बड़ा मुद्दा बनाया था।
सूचना
धर्मांतरण से पहले कलेक्टर को देनी होगी सूचना
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे 60 दिन पहले व्यक्तिगत विवरण के साथ एक भरकर कलेक्टर कार्यालय में जमा करना होगा। इसके बाद कलेक्टर पुलिस से व्यक्ति के धर्म बदलने के पीछे के इरादे, कारण और उद्देश्य का पता लगाने को कहेंगे।
इसी तरह धर्मांतरण समारोह का आयोजन करने वाले व्यक्ति या संस्था को भी कम से कम एक महीने पहले फॉर्म भरकर जानकारी देनी होगी।
धर्म परिवर्तन
जबरन कराया गया धर्म परिवर्तन होगा अवैध
मसौदे में यह भी कहा गया कि किसी चीज का दुरुपयोग कर, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव दिखाकर, जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखा देकर किसी से शादी करके भी धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
अगर कलेक्टर को इस तरह की शिकायत मिलती है तो वे धर्मांतरण को अवैध करार देंगे। यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा, जो अपने पिछले धर्म में आने के लिए दोबारा धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं।
सजा
कानून में सख्त सजा का प्रावधान
मसौदे के मुताबिक, नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्यों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों को कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की जेल होगी। न्यूनतम 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सामूहिक धर्म परिवर्तन पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। धर्मांतरण करवाने वाले के परिजन FIR दर्ज करवा सकेंगे, जिसकी सुनवाई सत्र अदालत में होगी।
राजनीति
मामले पर राजनीति भी गरमाई
अग्रवाल ने 15 फरवरी को कहा था, "ऐसी बहुत सारी शक्तियां हैं जो कि विदेशी फंड के आधार पर छत्तीसगढ़ की सांख्यिकी को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है। लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं।"
दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने प्रस्तावित कानून की निंदा की। उन्होंने कहा, "बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के अनुच्छेदों की अनदेखी की जा रही है। हमारा हर धर्म से रिश्ता है। हम सब एक हैं।"