केंद्र सरकार ने एयर प्यूरीफायर पर GST घटाने का विरोध किया, याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट में हवा शुद्ध करने वाले एयर प्यूरीफायर उपकरणों से वस्तु और सेवा कर (GST) घटाने को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि GST परिषद इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकती, क्योंकि चिकित्सा उपकरणों का वर्गीकरण विस्तृत जांच के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय करता है, न कि GST परिषद। सरकार ने याचिका दायर करने वाले की मंशा पर भी सवाल उठाया।
याचिका
सोची-समझी रणनीति के तहत दायर की गई याचिका
कोर्ट में याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने इसे जनहित याचिका मानने पर सवाल उठाया और इसके पीछे के मकसद को सही नहीं बताया। उन्होंने कहा कि याचिका को "सोची-समझी रणनीति" के तहत दायर किया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि इस संबंध में GST परिषद की आपातकालीन बैठक नहीं हुई है और इसे भौतिक रूप से ही बुलाना होगा। केंद्र ने याचिका पर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
मामला
क्या है याचिका?
दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए एयर प्यूरीफायर पर GST कम करने और उन्हें "मेडिकल डिवाइस" के तौर पर वर्गीकृत करने के लिए अधिवक्ता कपिल मदन ने जनहित याचिका दायर की है। गुरुवार को कोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत GST को लेकर नाराजगी जताई थी और पूछा था कि वायु आपातकाल में भी उपकरण पर इतना GST क्यों है? कोर्ट ने सरकार से GST को 18 से हटाकर 5 प्रतिशत करने पर विचार करने को कहा था।