केंद्र ने मणिपुर के 9 मैतेई उग्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया, देश के लिए खतरा बताया
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने सोमवार को मणिपुर के मैतेई के उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबेरशन आर्मी (PLA) समेत 9 उग्रवादी संगठनों को गैरकानूनी घोषित कर दिया।
गृह मंत्रालय ने इन सगठनों की अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया।
सरकार का मानना है कि यह सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं।
प्रतिबंध
किन-किन संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध?
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में बताया गया, "मैतेई चरमपंथी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और इसकी राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (RPF), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) अगले 5 साल के लिए प्रतिबंधित रहेंगे।"
इसके अलावा गृह मंत्रालय ने पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (PREPAK) और उसकी सशस्त्र शाखा पर भी प्रतिबंध लगाया है।
संगठन प्रतिबंधित
इन संगठनों को भी घोषित किया गया गैरकानूनी
इनके अलावा गृह मंत्रालय ने कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP) और उसकी सशस्त्र शाखा कांगलेई याओल कनबा लुप (KYKL) (जिसे 'रेड आर्मी' भी कहा जाता है) को भी गैरकानूनी संगठन घोषित किया है।
इन सभी के अलावा समन्वय समिति (CorCom) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेइपाक (ASUK) के साथ-साथ उसके सभी गुटों, विंगों और फ्रंट संगठनों को भी UAPA के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया गया है।
कारण
सरकार ने इन संगठनों पर क्यों लगाया प्रतिबंध?
गृह मंत्रालय ने कहा कि इन संगठनों का लक्ष्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से मणिपुर को भारत से अलग करके एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना है और यह अपने उद्देश्य के लिए मणिपुर के स्वदेशी लोगों को अलगाव के लिए उकसाते हैं।
सरकार ने कहा कि यह संगठन जनमत को प्रभावित करने के लिए विदेशी स्रोतों से संपर्क बनाते हैं और अपने अलगाववादी उद्देश्य को हथियारों और प्रशिक्षण के जरिए भी जनमत को प्रभावित करते हैं।
सरकार
सरकार ने इन संगठनों पर प्रतिबंध पर क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने अपने अधिसूचना में कहा, "यदि मैतेई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो वो फिर से अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडरों को संगठित करने का अवसर ढूंढेगे।"
मंत्रालय ने आगे कहा, "यह संगठन भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक ताकतों के साथ मिलकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का प्रचार करने और अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जनता से भारी धन की वसूली करने जैसी गतिविधियों में शामिल हैं।"
हिंसा
मणिपुर में 3 मई से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी।
यहां तभी से बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय में संघर्ष जारी है और गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।
मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।