जमीन के बदले नौकरी मामला: गृह मंत्रालय ने लालू यादव के खिलाफ मुकदमे की अनुमति दी
जमीन के बदले नौकरी मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय ने यह अनुमति लालू यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अंतिम आरोपपत्र पर दी है। इससे लालू यादव की मुसीबत बढ़ सकती है। इससे पहले रेल मंत्रालय भी लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे चुका है।
कोर्ट ने लालू यादव और तेजस्वी समेत तेज प्रताप को भी जारी किया है समन
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 17 सितंबर को इसी मामले में लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को भी समन भेजा है। साथ ही अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण के अलावा अन्य आरोपी भी तलब किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक थे, जिसके कारण उनकी संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7 अक्टूबर को पेश होने को कहा है।
क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला?
जमीन के बदले नौकरी का मामला 2004 से 2009 का है, उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि मंत्री रहते हुए लालू ने रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-D की नौकरी देने के नाम पर लोगों से अपने परिवार और संबंधित एके इंफोसिस कंपनी के नाम पर जमीन कराई थी। मामले में 2 आरोपपत्र दाखिल हुए हैं, जिसमें दूसरी में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम शामिल किया गया था। अब तेज प्रताप से भी पूछताछ होगी।