बुलंदशहर गोकशी मामलाः पुलिस ने पहले निर्दोषों को जेल में डाला, अब पकड़े गए असली आरोपी
बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुई गिरफ्तारियों के मामले में नया मोड़ आया है। NDTV की खबर के मुताबिक, गोकशी के मामले में पहले जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें अब पुलिस निर्दोष बता रही है। इन चारों के नाम सर्फुद्दीन, नन्हे, साजिद और आसिफ है। पुलिस इनको रिहा करने के लिए कोर्ट जाने की योजना बना रही है। पुलिस ने कहा कि मंगलवार को पकड़े गए नदीम, रईस और काला गोकशी की घटना के गुनहगार हैं।
FIR में नहीं था तीनों का नाम
पुलिस जिन तीन आरोपियों को घटना का असली गुनहगार बता रही है, उनमें से किसी का भी नाम योगेश राज द्वारा दर्ज कराई गई FIR में नहीं है। बता दें कि योगेश राज को बुलंदशहर हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। वह अब तक पुलिस की पहुंच से बाहर है। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी पहले गायों को मारते थे और उसके बाद मांस का बंटवारा कर लेते थे।
जांच के दौरान सामने आए तीनों नाम
मंगलवार को तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बुलंदशहर SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इन तीनों के पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में इनका नाम नहीं था, लेकिन जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए हैं। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि इन तीनों के नाम गोहत्या में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आए हैं।
इंस्पेक्टर के परिजनों ने लगाए सबूत मिटाने के आरोप
बुलंदशहर हिंसा में उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के मुख्य आरोपी योगेश राज और शिखर अग्रवाल अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है। योगेश राज ने अपना वीडियो जारी किया था, इसके बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों का आरोप है कि इस घटना के सबूत मिटाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि योगेश को राजनीतिक सरंक्षण मिला हुआ है।
83 पूर्व नौकरशाहों ने योगी को लिखी चिट्ठी
बुलंदशहर हिंसा पर राज्य के 83 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। अपने खत में इन्होंने लिखा कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि भीड़ द्वारा एक पुलिस वाले की हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है। इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की भी मांग की है।
गोकशी के विरोध में भीड़ के प्रदर्शन से भड़की थी हिंसा
इस महीने की शुरुआत में बुलंदशहर के स्याना थानाक्षेत्र में उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था। इस हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे, जबकि एक अन्य नागरिक की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, स्याना के एक गांव में गोवंश मिलने के बाद बजरंग दल और हिंदू युवा वाहिनी समेत कई हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे थे। यह भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर हमला कर दिया।