बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, मुस्लिम पुरुष को एक से ज्यादा शादी का अधिकार
महाराष्ट्र की बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि मुस्लिम पुरुष एक से ज्यादा शादी कर सकता है क्योंकि उनका पर्सनल लॉ उनको यह करने की इजाजत देता है। यह फैसला 15 अक्टूबर को न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की पीठ ने एक मुस्लिम व्यक्ति की याचिका पर सुनाया। कोर्ट ने ठाणे नगर निगम द्वारा दंपति को शादी का प्रमाणपत्र न जारी करने को भी "पूरी तरह से गलत" करार दिया।
क्या है मामला?
ठाणे के एक मुस्लिम व्यक्ति ने फरवरी 2023 में नगर निगम से अल्जीरिया की एक महिला के साथ अपनी तीसरी शादी रजिस्टर करने और विवाह प्रमाणपत्र जारी करने की मांग की थी। लेकिन महाराष्ट्र में विवाह अधिनियम के आधार पर उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया, जिसके बाद उसने कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट में नगर निगम ने दावा किया कि विवाह पंजीकरण के दौरान जोड़े के पास सभी प्रासंगिक दस्तावेज नहीं थे।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट की पीठ ने कहा, "मुसलमानों के निजी कानूनों के तहत उन्हें एक समय में 4 पत्नियां रखने का अधिकार है। जब यह मामला है, तो हम इस दलील को स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनियमन और विवाह पंजीकरण अधिनियम के तहत, केवल एक विवाह पंजीकृत कर सकते हैं। निगम ने व्यक्ति की दूसरी शादी को पंजीकृत किया था।" कोर्ट ने दंपति को 10 दिन में अपने दस्तावेज निगम में जमा करने को कहा है।