मुंबई में INS रणवीर में धमाका, तीन नौसैनिक शहीद
मंगलवार को भारतीय नौसेना के विध्वंसक जहाज INS रणवीर में हुए धमाके में तीन नौसैनिकों की मौत हो गई। यह हादसा मुंबई में नौसेना के डॉकयार्ड पर हुआ। जिस समय धमाका हुआ जहाज डॉकयार्ड पर खड़ा हुआ था। घटना में 11 नौसैनिक घायल भी हुए हैं। रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, धमाके से जहाज में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। धमाका क्यों हुआ, अभी इसका कारण नहीं पता चल पाया है और मामले की जांच चल रही है।
शाम लगभग 4:30 बजे हुए धमाका
INS रणवीर पर शाम लगभग 4:30 बजे के करीब धमाका हुआ। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चालक दल ने तुरंत ही कदम उठाए और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। हालांकि इस बीच धमाके से लगभग 14 नौसैनिक घायल हो गए, जिनमें से तीन की चोटों के कारण मौत हो गई। इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के अनुसार, तीनों मृतक वरिष्ठ नौसैनिक थे, लेकिन अधिकारी नहीं थे। मृतकों के परिजनों को सूचना देने के बाद उनके नाम जारी किए जाएंगे।
धमाके का गोला-बारूद या हथियारों से कोई संबंध नहीं- रिपोर्ट
सूत्रों के अनुसार, INS रणवीर में हुए इस धमाके का जहाज के गोला-बारूद या हथियारों से कोई संबंध नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धमाका AC कंपार्टमेंट में हुआ और मारे गए तीनों नौसैनिक इससे ठीक ऊपर वाले कंपार्टमेंट में थे। नौसेना ने बयान जारी कर घटना पर खेद व्यक्त किया है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मामले की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन कर दिया गया है।
सोवियत संघ के दौर का विध्वंसक जहाज है INS रणवीर
बता दें कि INS रणवीर सोवियत संघ के दौर का विध्वंसक है और ये 21 अप्रैल, 1986 में भारतीय नौसेना की सेवा में शामिल हुआ था। नौसेना के सबसे पुराने विध्वंसकों में शामिल INS रणवीर राजूपत श्रेणी का चौथा और रणवीर श्रेणी का पहला विध्वंसक है। रणवीर श्रेणी के जहाजों का मकसद युद्धपोतों का पनडुब्बियों, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों और क्रूज मिसाइलों से बचाव करना है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार इस जहाज के कमांडर रह चुके हैं।
पहले भी हो चुकी हैं नौसेना के जहाजों पर घातक दुर्घटनाएं
गौरतलब है कि जून, 2019 के बाद नौसेना के किसी जहाज पर हुई ये पहली घातक घटना है। तब निर्माणाधीन विशाखापत्तनम विध्वंसक पर लगी आग में एक कर्मचारी की मौत हो गई थी। इससे पहले जून, 2016 में युद्धपोत INS विक्रमादित्य में जहरीली गैस के रिसाव से दौ नौसैनिक शहीद हो गए थे। अगस्त, 2013 में भी मुंबई के बंदरगाह पर बड़ी दुर्घटना हुई थी और INS सिंधुरक्षक पर हुए धमाके में 18 नौसैनिक शहीद हो गए थे।