
बिहार में SIR के बाद मतदाता प्रारूप प्रकाशित, छूटे नाम वाले कैसे करें आवेदन?
क्या है खबर?
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रारूप जारी कर दिया है। अभी आयोग ने 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से राजनीतिक दलों को प्रारूप की डिजिटल और भौतिक प्रति सौंपी है। आयोग दोपहर 3 बजे अपनी वेबसाइट पर मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित करेगा, जिसमें लोग अपने नाम देख सकेंगे और नाम छूटने पर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। आइए, जाने इसमें कैसे नाम देखें और आपत्ति दर्ज कराएं।
चुनाव
कैसे देखें नाम और दर्ज कराएं आपत्ति?
मतदाता सूची में अपना नाम देखने के लिए सबसे पहले चुनाव आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर जाएं। यहां संबंधित जानकारी भरने के बाद अपना नाम-फोटो चेक करें। अगर किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं और किसी मृत मतदाता का नाम सूची में है तो अपने पास के प्रखंड-सह अंचल कार्यालय, नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम या शहरी निकाय कार्यालय में जाएं। यहां 2 अगस्त से सुबह 10 से शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग का कैंप लगेगा।
आपत्ति
1 सितंबर तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि सरकारी दफ्तरों में लगने वाले कैंप 2 अगस्त से 1 सितंबर तक नियमित रूप से चलेंगे। रविवार और छुट्टी के दिन भी ये बंद नहीं होंगे। जिले में कहीं के भी मतदाता किसी भी कैंप में जाकर दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। जो बालिग हो गए हैं या जिनका मतदाता पहचान पत्र नहीं बना है, वे भी यहां अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए फॉर्म-6 भर सकते हैं।
जानकारी
राजनीतिक दल भी दर्ज कराएंगे आपत्ति
चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि राजनीतिक दल 1 सितंबर तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), बिहार और राज्य के सभी 243 निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) के पास अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।
मतदाता
बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता का नाम कटने की कगार पर
चुनाव आयोग ने 25 जुलाई को SIR की प्रक्रिया पूरी करने के बाद विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि इसमें बिहार के 99.8 प्रतिशत मतदाता शामिल हो चुके हैं। बिहार में 7,89 करोड़ मतदाताओं में 7.23 करोड़ मतदाताओं ने दिलचस्पी दिखाई है। इस दौरान 22 लाख मृत मतदाता, 7 लाख विभिन्न स्थानों पर पंजीकृत मतदाता और 35 लाख पलायन कर चुके मतदाता सामने आए हैं। करीब 65 लाख मतदाताओं का सूची से नाम काटे जाने का खतरा है।