नागरिकता कानून का विरोध: फिर हिरासत में लिए गए भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस हिरासत से गायब हुए भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर आजाद को शनिवार को फिर हिरासत में ले लिया गया है। आजाद ने कहा कि वह प्रदर्शन के दौरान जामा मस्जिद के अंदर मौजूद थे। जामा मस्जिद के बाहर हुई हिंसक झड़पों के बाद पुलिस ने शुक्रवार शाम तक 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था, जिसमें आठ नाबालिग शामिल हैं। इनके खिलाफ दंगे और आगजनी का केस दर्ज किया गया है।
क्या बोले चंद्रशेखर आजाद?
नागरिकता कानून का विरोध करते हुए आजाद ने कहा, "हमें बलिदान देना होगा ताकि कानून वापस लिया जाए। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते। हम शुक्रवार सुबह से मस्जिद के अंदर बैठे थे और हमारे लोग हिंसा में शामिल नहीं थे।''
पुलिस ने नहीं दी थी प्रदर्शन की इजाजत
आजाद शुक्रवार को भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जामा मस्जिद इलाके में पहुंचे थे। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगाई थी। प्रदर्शनकारियों की योजना जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने की थी, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। भीड़ बढ़ते देख पुलिस ने आजाद को हिरासत में ले लिया, लेकिन वह थोड़ी देर बाद गायब हो गए। शनिवार सुबह फिर दिल्ली पुलिस ने आजाद को हिरासत में लिया है।
कौन हैं चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी?
भीम आर्मी एक बहुजन संगठन है और ये हाशिए पर पड़े दलित लोगों के लिए काम करता है। ये दलित चिंतक सतीश कुमार के दिमाग की उपज है। 2014 में चंद्रशेखर आजाद 'रावण' और विनय रतन आर्य ने भीम आर्मी का गठन किया। यह 2017 में पहली बार चर्चा में तब आई, जब सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसक झड़प हुई। हिंसा भड़काने के लिए आजाद को गिरफ्तार किया गया था और 15 महीने जेल में रहे थे।
शुक्रवार शाम को बिगड़ गए थे हालात
शुक्रवार दोपहर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दो घंटे तक शांतिपूर्वक मार्च किया, लेकिन शाम होते-होते यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। पत्थरबाजी और पुलिस की कार्रवाई में 45 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घायलों में बच्चे भी शामिल
घायलों को इलाज लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में चल रहा है। NDTV से बात करते हुए डॉक्टर ने बताया कि अधिकतर लोगों के हाथों में सूजन है। एक बच्चे के सिर में चोट आई है। इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
सड़कों पर हैं देशभर के लोग
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसका विरोध हो रहा है।