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बेंगलुरु भगदड़ मामला: कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में RCB और BCCI को ठहराया जिम्मेदार
कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में RCB और BCCI को ठहराया जिम्मेदार

बेंगलुरु भगदड़ मामला: कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में RCB और BCCI को ठहराया जिम्मेदार

Jun 11, 2025
01:21 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के विजय जलूस के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ मामले में बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई है। इसमें राज्य सरकार ने घटना के लिए सीधे तौर पर RCB और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार ने कहा कि इस आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया को आमंत्रित किया था।

दलील

कनार्टक सरकार ने क्या दी दलील? 

RCB के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले सहित 4 व्यक्तियों द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने RCB और BCCI पर आरोप लगाए। कर्नाटक सरकार के महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की पीठ से कहा, "RCB ने 29 मई को क्वालीफायर-1 में जीत हासिल कर फाइनल में जगह बना ली थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने खिताबी जीत के बाद विजय जुलूस के संबंध में कोई अनुमति नहीं मांगी।"

सूचना

RCB ने दी केवल कार्यक्रम की जानकारी

महाधिवक्ता शेट्टी ने कहा, "3 जून को मैच शुरू होने से एक घंटे पहले RCB ने एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया कि वे विजय परेड का आयोजन करेंगे। वे अनुमति नहीं मांग रहे थे। उन्होंने केवल हमें अपनी योजनाओं के बारे में बतााया था।" उन्होंने कहा, "आयोजकों की ओर से एकमात्र संचार कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) द्वारा भेजी गई एक सूचना थी। इसके बावजूद, RCB ने कई सोशल मीडिया पोस्ट कर प्रशंसकों को आमंत्रित कर दिया।"

हालात

ऐसा लगा जैसे पूरी दुनिया को आमंत्रित किया है- महाधिवक्ता

महाधिवक्ता शेट्टी ने कहा, "RCB ने प्रशंसकों को आमंत्रित करने के लिए 3 जून की रात साढ़े 11 बजे से 4 जून की सुबह तक सोशल मीडया पोस्ट की थी। उससे लगा था कि जैसे उन्होंने पूरी दुनिया को आमंत्रित किया है।" उन्होंने आगे कहा, "कार्यक्रम में करीब 4 लाख लोग जमा हो गए, जबकि स्टेडियम में केवल 33,000 लोगों के बैठने की जगह थी। उन्होंने स्टेडियम में प्रवेश की प्रक्रिया के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी थी।"

उल्लंघन

RCB ने किया कानून का उल्लंघन- महाधिवक्ता

महाधिवक्ता शेट्टी ने कहा, "आयोजकों ने कम से कम सात दिन पहले जुलूस और कार्यक्रम लाइसेंस के लिए आवेदन न करके कानून का उल्लंघन किया। इसी तरह RCB ने विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों की योजना भी बिना अनुमति के ही बनाई थी।" उन्होंने RCB पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा, "वे इस कोर्ट में गुनाह के साथ हैं। उन्होंने यह दिखाने का प्रयास किया है कि यह कोई सरकारी समारोह है। ऐसा नहीं था।"

टिप्पणी

हाई कोर्ट ने क्या की टिप्पणी?

याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कोई प्रतिनिधि दायित्व नहीं है और संगठन के कथित कार्यों के लिए कर्मचारियों पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा, "ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे वे इस बात पर विवाद कर सकें कि कोई समझौता मौजूद है। वे इस अनुबंध पर भी विवाद नहीं कर सकते कि केवल घटना के लिए RCB ही जिम्मेदार है। मामले की सुनवाई जारी है।"

विरोधाभास

राजभवन के अनुसार सरकार ने बनाई थी कार्यक्रम की योजना

इंडिया टुडे ने मंगलवार को राजभवन के सूत्रों के हवाले से लिखा था कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी RCB के खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए राजभवन में समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी। हालांकि, इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें सूचित किया कि यह समारोह विधान सौध (विधानसभा और सचिवालय) में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आधिकारिक रूप से आमंत्रित किया था।

पृष्ठभूमि

बेंगलुरु में कैसे मची थी भगदड़? 

RCB के 3 जून को IPL 2025 का खिताब जीतने के बाद 4 जून को बेंगलुरु में विजय जुलूस निकालने का फैसला किया था। टीम को खुली बस में विधानसभा से चिन्नास्वामी स्टेडियम जाना था, जहां 3 लाख लोग इकट्ठा थे। वो अंदर जाने को लेकर धक्का-मुक्की करने लगे। इससे भगदड़ मची और 11 लोगों की दबकर मौत हो गई, जबकि 55 घायल हो गए। पुलिस ने RCB, KSCA और अन्य पर FIR दर्ज कर जांच CID को सौंप दी।