असम: महिला को 'चुड़ैल' बता ग्रामीणों ने की हत्या, बचाने आए शिक्षक को भी मार डाला
क्या है खबर?
असम में चुड़ैल होने के शक में एक विधवा महिला और एक स्कूल शिक्षक की बेरहमी से हत्या किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
ग्रामीणों ने गत बुधवार को दोनों की हत्या कर अंतिम संस्कार कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने अंतिम सस्कार स्थल पहुंचकर दोनों शवों के अवशेष बरामद किए हैं।
इसके बाद पुलिस ने मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
प्रकरण
विधवा महिला के असामान्य व्यवहार करने पर करार दिया 'चुड़ैल'
न्यूज 18 के अनुसार कार्बी आंग्लोंग पुलिस अधीक्षक (SP) देवजीत देउरी ने बताया कि मृतकों में रमावती हलुआ (50) और स्कूल शिक्षक बिजॉय गौर (28) है।
उन्होंने बताया कि घटना डोकमोका थाना क्षेत्र के लंघिन रहिमापुर गांव की है। गत दिनों गांव की एक महिला को बीमार होने के बाद गुवाहाटी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई थी।
बुधवार को उसके अनुष्ठान में रमावती ने असामान्य व्यवहार किया तो लोगों ने उसे चुड़ैल करार दे दिया।
हत्या
ग्रामीणों ने रामवती पर लगाया चुड़ैल होने का आरोप
SP ने बताया कि अनुष्ठान में रामवती के असामान्य व्यवहार करने पर कुछ ग्रामीणों ने उसके चुड़ैल होने का आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा कि इसके कारण ही महिला की मौत हुई है और यह ग्रामीणों की बुरी किस्मत के लिए जिम्मेदार है। इस पर ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया और धारदार हथियार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने बीच बचाव करने आए शिक्षक को भी ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार दिया।
जानकारी
ग्रामीणों ने दोनों शवों का पहाड़ी पर किया अंतिम संस्कार
SP ने बताया कि वारदात के बाद ग्रामीणों ने चुड़ैल के साये को दूर करने के लिए प्रार्थन सभा आयोजित की और उसके बाद दोनों शवों को नदी पार करते हुए एक पहाड़ी पर ले गए और उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
सूचना
मृतका की बेटी ने दी पुलिस को सूचना
SP ने बताया कि ग्रामीणों ने मृतका रामवती के बेटी को भी जान से मारने का प्रयास किया, लेकिन वह बचकर निकल गई। उसने थाने पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
इसके बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर वारदात में काम लिया हथियार बरामद कर लिया और पहाड़ी पर जाकर चिता से शवों के अवशेष जुटा लिए। मामले में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि एक ग्रामीण ने अपराध स्वीकार कर समर्पण किया है।
जानकारी
पूरी तहर से अंधविश्वासी हैं गांव के लोग
SP ने बताया कि गांव के अधिकतर लोग आदिवासी और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। इसके अलावा में सभी लोग पूरी तरह से अंधविश्वासी हैं। इसी के चलते उन्होंने वारदात को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
पुनरावृत्ति
दो साल पहले भी हुई थी लोगों की हत्या
दो साल पहले भी ग्रामीणों ने झरना देखने आए अभिजीत नाथ और नीलोत्पल दास की अपहरणकर्ता होने के शक में हत्या कर दी थी।
घटना का वीडियो वायरल होने पर लोगों में आक्रोश फैल गया था। उसके बाद सरकार ने असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम, 2015 को संख्ती से लागू किया गया था। इसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
राज्य में पिछले 18 सालों में विच हंटिंग के तहत 161 लोगों की मौत हुई है।