असम में बाढ़ से अब तक 46 की मौत, 16 लाख से ज्यादा प्रभावित, सेना तैनात
असम में भीषण बाढ़ के कारण बीते दिन 8 लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद अब तक बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 46 पर पहुंच गया है। 29 जिलों के 2,800 गांवों के करीब 16.25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। सबसे ज्यादा असर मध्य असम के नागांव और दरंग तथा बराक घाटी के करीमगंज जिलों पर पड़ा है। 29 जून से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना को तैनात किया गया है।
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले धुबरी में 2.23 लाख, दरांग में 1.83 लाख और लखीमपुर में 1.66 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 3.86 लाख लोगों ने 515 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में शरण ले रखी है। बाढ़ के पानी ने बुनियादी ढांचे पर भी कहर बरपाया है। 100 सड़कें और 14 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 11 तटबंध टूट गए हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों सहित राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बचाव कार्य के लिए सेना तैनात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभावित इलाकों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भारतीय सेना और दूसरी एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। पिछले 24 घंटों में ही 8,377 लोगों को बचाया गया है। सेना ने कहा कि शिवगुड़ी, नामसिंह घाट, पगलाम और ओरियन घाट में 72 घंटे से अधिक समय तक समन्वित राहत और बचाव अभियान के दौरान 17 बच्चों सहित कुल 48 लोगों को बचाया गया है।
काजीरंगा उद्यान में 11 जानवर डूबे, 65 को बचाया गया
बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के कई इलाकों में पानी भर गया है। 3 जुलाई की सुबह तक उद्यान में स्थित 233 वन शिविरों में से 178 में कम से कम 5 फीट पानी भरा हुआ है, जिसके चलते एक गैंडे के बच्चे समेत 11 जंगली जानवरों की मौत हो गई, जबकि 65 जानवरों को बचा लिया गया है। उद्यान की निदेशक सोनाली घोष ने बताया कि सभी जानवर प्राकृतिक कारणों जैसे कि डूबने और थकावट के कारण मरे हैं।
मुख्यमंत्री बोले- बाढ़ रोकने के लिए कई कदम उठाए गए
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन लगे हैं कि तटबंध और कहीं न टूटे। कई प्रभावित जिलों में वर्षा में कमी आई है और यदि ऐसा ही रूझान जारी रहा तो स्थिति एक सप्ताह में सुधरने की उम्मीद है। हमारा ध्यान नुकसान का आंकलन करने पर है, ताकि 15 अगस्त तक प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा सके।"
मणिपुर और नागालैंड भी बाढ़ की चपेट में
मणिपुर के इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में लगातार बारिश के बाद कई जगहों पर तटबंध टूटने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। 2,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और सेनापति नदी में डूबने से 2 लोगों की मौत हो गई है। स्कूल और सरकारी कार्यालयों को 4 जुलाई तक बंद कर दिया गया है। नागालैंड में भी बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है और अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है।