अशोका विश्वविद्यालय में सब्यसाची के बाद एक और प्रोफेसर का इस्तीफा, विवादित अध्ययन पेपर का मामला
अशोका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर सब्यसाची दास के इस्तीफे के बाद विभाग के एक और प्रोफेसर पुलाप्रे बालाकृष्णन ने इस्तीफा दे दिया है। प्रो बालाकृष्णन ने भारतीय अर्थशास्त्र में देश की आर्थिक वृद्धि से लेकर मुद्रास्फीति की प्रक्रिया तक कई शोध पेपर प्रकाशित किए हैं। बुधवार को उनके इस्तीफे के बाद विभाग के अन्य प्रोफेसरों में रोष दिखा। विभाग के प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय को खुला पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने सब्यसाची दास का समर्थन किया है।
प्रोफेसरों ने पत्र में क्या लिखा?
प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखे पत्र में लिखा कि प्रोफेसर दास ने अकादमिक अभ्यास के किसी भी प्रकार के मानदंड का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने लिखा कि दास के हालिया अध्ययन की जांच करने की प्रक्रिया में शासी निकाय की ओर से हस्तक्षेप संस्थागत उत्पीड़न है, जो भय का माहौल बनाता है। प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय से प्रोफेसर दास की वापसी और शासी निकाय को अध्ययन के मूल्याकंन में शामिल न करने की मांग की है।
क्या है मामला?
प्रोफेसर सब्यसाची दास के लोकसभा चुनाव 2019 में धांधली को लेकर अध्ययन पेपर के सामने आने के बाद हंगामा शुरू हो गया था। दास ने डेमोक्रेटिक बैकस्लाइडिंग इन द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसी नाम से विवादास्पद पेपर लिखा था। विवाद खड़ा होने पर दास ने इस्तीफे की पेशकश की थी। अध्ययन पेपर में दावा किया गया था कि भाजपा जिन राज्यों में सत्ता में थी वहां लोकसभा चुनाव 2019 में अनुपातहीन तरीके से सीट जीती गई थी।