दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की मांग को लेकर एक मार्च से भूख हड़ताल करेंगे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने की मांग को लेकर वे एक मार्च से अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के साथ 70 सालों से अन्याय हो रहा है। ऐसे में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना जरूरी है। केजरीवाल ने चुनावों से पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था।
पूर्ण राज्य की मांग तेज
पिछले कुछ दिनों से केजरीवाल ने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग तेज कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि दिल्ली अगर पूर्ण राज्य बनती है तो हर नागरिक को पक्के घर दिए जाएंगे।
'कांग्रेस-भाजपा ने नहीं निभाया वादा'
केजरीवाल ने शुक्रवार को कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की बात पर कांग्रेस और भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के वोट की ताकत भी दूसरे राज्यों के वोट के बराबर होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि वे पाकिस्तान को संभाले और दिल्ली नगर निगम (MCD) उन्हें दे दें।
'पूर्ण राज्य को मांग को लेकर करेंगे आंदोलन'
केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में लोकतंत्र लागू है, लेकिन दिल्ली में नहीं। लोग वोट करके अपनी सरकार चुनते हैं, लेकिन सरकार के पास पावर नहीं है। इसलिए वे एक मार्च से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल करेंगे।
'एक मार्च से शुरू होगा आंदोलन'
शक्तियों को लेकर होती रही है जंग
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अकसर अधिकारों को लेकर जंग छिड़ी रहती है। केजरीवाल आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार को काम नहीं करने देती और हर काम में टांग अड़ाती है। इसे लेकर केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच भी कई बार विवाद सामने आए हैं। वहीं केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि केजरीवाल अपनी नाकामी छिपाने के लिए भाजपा पर आरोप लगाते हैं।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुश्किल क्यों?
दिल्ली में विधानसभा है और यहां चुनी हुई सरकार काम करती है, लेकिन संविधान का अनुच्छेद 239AA इस सरकार के कार्यक्षेत्र में कटौती करता है। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के कारण यहां पर सुरक्षा समेत दूसरी मामलों की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसलिए अनुच्छेद 239AA केंद्र सरकार को ऐसे मामलों पर निंयत्रण का कानूनी अधिकार देता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मुमकिन नहीं है।
पहले पूर्ण राज्य था दिल्ली
दिल्ली में पहली बार साल 1952 में विधानसभा का गठन हुआ था। चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने थे। साल 1956 में दिल्ली को पूर्ण राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था। 1993 में यहां फिर से विधानसभा बनी।