टिक-टॉक पर वायरल कोरोना वायरस का "घरेलू उपचार" आजमाने से 10 लोग बीमार
खतरनाक कोरोना वायरस का अभी तक कोई आधिकारिक इलाज नहीं मिला है, लेकिन भारत में सोशल मीडिया पर घरेलू नुस्खों से इसके इलाज के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कई लोग इन वीडियो में बताए गए नुस्खों को आजमाकर अपनी जिंदगी भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है आंध प्रदेश के चित्तूर से, जहां टिक-टॉक पर वारयल वीडियो के नुस्खे को आजमाने से दो परिवार के 10 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए।
टिकटॉक के वीडियो के आधार पर खाए धतूरे के बीज
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बैरेड्डीपल्ली मंडल के आलापल्ली कोट्ठूर गांव में दो परिवारों के लोगों ने कोरोना के इलाज को लेकर टिक-टॉक पर वायरल हो रहा एक वीडियो देखा था। इस वीडियो में बताया गया कि धतूरे के पेड़ पर उगने वाले 'उम्मेठा काया' खाने से कोरोना का इलाज संभव है। इसके बाद दोनों परिवारों के लोगों ने उनका सेवन कर लिया और कुछ देर बाद दो बच्चों सहित परिवार के 10 लोगों की तबीयत बिगड़ गई।
वीडियो में यह किया गया था दावा
बैरेड्डीपल्ली थाने के सब-इंस्पेक्टर मुनी स्वामी ने बताया कि वीडियो में दावा किया गया था कि 'उम्मेठा काया' की संरचना कोरोना संक्रमण को जन्म देने वाले सार्स-कोव-2 वायरस से मिलती है। यह फल वायरस पर सीधे हमला कर उसे नष्ट कर देता है।
हृदयगति बढ़ने के साथ शरीर पर चकत्ते पड़े
सब-इंस्पेक्टर स्वामी ने बताया कि धतूरे का फल खाने के बाद दोनों परिवार के सभी 10 लोगों की हृदयगति अचानक बढ़ गई। शरीर का तापमान बढ़ने के साथ ही मुंह सूखने लग गया। इसके अलावा उनके शरीर पर चकत्ते पड़ गए और त्वचा जलन होने लग गई। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया है जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने बताया कि उम्मेठा काया में मौजूद एंट्रोपाइन जहर जानलेवा साबित हो सकता है।
वीडियो की तलाश में जुटी पुलिस
सब-इंस्पेक्टर स्वामी ने बताया कि घटना के बाद पीड़ितों की मदद से टिक-टॉक पर वायरल हो रहे वीडियो के स्रोत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, परिवार के सभी लोग अभी तक उस वीडियो को नहीं ढूंढ पाए हैं। उन्होंने बताया कि टिक-टॉक देखने के दौरान ही उनकी नजर उस वीडियो पर पड़ी थी। पुलिस अब टिक-टॉक पर वीडियो की तलाश कर रही है और उसके बाद उसे अपलोड करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो देख एक व्यक्ति कर चुका है खुदकुशी
बता दें कि फरवरी में बैरेड्डीपल्ली में कोरोना वायरस के लक्षणों से जुड़ा वीडियो देखने पर एक व्यक्ति ने इस भ्रम में खुदकुशी कर ली थी कि वह भी संक्रमित है। मृतक को डर था कि उसके जरिए उसके परिवार में भी संक्रमण फैल जाएगा।
CMHO ने लोगों से की सोशल मीडिया के नुस्खों को नहीं आजमाने की अपील
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने लोगों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कोरोना वायरस के उपचार के नुस्खों को नहीं आजमाने की अपील की है। उन्होंने लोगों को इन नुस्खों को आजमाने पर जान जाने की चेतावनी भी दी है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी लोगों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अवैज्ञानिक उपचारों को नहीं आजमाने की अपील की थीं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों पर इसका असर नहीं हो रहा है।