PFI और SDPI पर NIA की कार्रवाई के बाद अमित शाह ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
क्या है खबर?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार सुबह 13 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए PFI के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
इस कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों सहित सभी राज्यों की पुलिस भी शामिल थी।
कार्रवाई के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल सहित अन्य अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
बैठक
बैठक में क्या हुई चर्चा?
गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बुलाई गई इस बैठक में NSA अजीत डोभाल के साथ गृह सचिव अजय भल्ला, NIA के महानिदेशक दिनकर गुप्ता और ED के उच्चाधिकारी शामिल थे।
इसमें गृह मंत्री ने कार्रवाई में बरामद सबूतों की समीक्षा करने और भविष्य में संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में उनकी आवश्यकता पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन या कार्यकर्ता की देश विरोधी गतिविधियों में लिप्तता मिलने पर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।
कार्रवाई
इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच और डाटा के आधार पर हुई कार्रवाई
NIA और ED ने यह कार्रवाई इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा की गई गहन जांच और जुटाए गए डाटा की समीक्षा करने के बाद की है।
इस दौरान NIA ने 13 राज्यों से PFI के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
इनमें केरल से सबसे अधिक 22, महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20, तमिलनाडु 10, उत्तर प्रदेश आठ, आंध्र प्रदेश पांच, असम नौ, दिल्ली तीन, मध्य प्रदेश चार, पुडुचेरी तीन और राजस्थान से दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
PFI
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
वह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
कई सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आ चुका है और सरकार PFI पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
संकेत
PFI और SDPI के खिलाफ क्या मिली है खुफिया जानकारी?
PFI और SDPI शुरू से ही गृह मंत्रालय के फोकस में रही है। दोनों संगठनों के खिलाफ खुफिया जानकारी मिली है कि इन्हें पश्चिम एशियाई देशों कतर, कुवैत, तुर्की और सऊदी अरब से अवैध रूप से पैसा मुहैया कराया जा रहा है।
ये संगठन इस पैसे का इस्तेमाल न केवल देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए बल्कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भी कर रहे हैं। संगठन के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामी संगठन से भी संबंध रहे हैं।
जानकारी
PFI को कट्टरपंथी संगठन बता चुका है केरल हाई कोर्ट
PFI पर पिछले काफी समय से देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें टिकी हुई हैं। इसी साल मई में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI कट्टरपंथी संगठन है और हिंसा के कई मामलों में नाम सामने आया है।
कार्रवाई
18 सितंबर को भी की गई थी कार्रवाई
इससे पहले 18 सितंबर को भी NIA ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में PFI के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
यह कार्रवाई तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में की गई थी। हालांकि, उस दौरान एजेंसी को कोई विशेष सबूत हाथ नहीं लगे थे।
कहा जा रहा है कि PFI पर इस कार्रवाई की पटकथा 29 अगस्त को गृह मंत्री की एक विशेष बैठक में लिखी गई थी। उस दौरान उन्होंने PFI से जुड़ी जानकारी मांगी थी।