गृह मंत्री अमित शाह ने दिया डॉक्टरों को आश्वासन, कहा- आपके साथ खड़ी है सरकार
गृह मंत्री अमित शाह ने आज डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनसे साथ खड़ी है और उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से आज होने वाले उनके सांकेतिक विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील भी की। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की कई घटनाओं के बाद IMA ने 23 मार्च को 'ब्लैक डे' बनाने का ऐलान भी किया है।
कई राज्यों में हुए हैं डॉक्टरों पर हमले
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर खड़े डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर देश के कई राज्यों में हमला हुआ है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और बेंगलुरू में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को लेने पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों पर पत्थरबाजी और हमले के मामले सामने आए हैं। चेन्नई, आंध्र प्रदेश और मेघालय में डॉक्टरों की कोरोना वायरस से मौत के बाद स्थानीय लोगों के उन्हें दफनाने या अंतिम संस्कार न करने देने का मामला भी सामने आया है।
IMA ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने को कहा
इन हमलों के विरोध में IMA ने अपने डॉक्टरों और अस्पतालों को 22 मार्च को रात नौ बजे मोमबत्ती जलाने को कहा है। इस विरोध को 'व्हाइट अलर्ट' का नाम देते हुए IMA ने कहा है कि ये केवल चेतावनी है। अगर केंद्र सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए कोई कानून नहीं लाती तो 23 अप्रैल को 'ब्लैक डे' बनाने का फैसला भी लिया गया है और सभी डॉक्टर काला फीता बांध काम करेंगे।
गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने की डॉक्टरों के साथ बैठक
IMA की इस चेतावनी के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह ने आज IMA और डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान की प्रशंसा की। शाह ने डॉक्टरों को भरोसा दिया कि सरकार पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है और उनकी सुरक्षा के लिए जो हो सकेगा, वह करेगी। उन्होंने डॉक्टरों से 22 मार्च के सांकेतिक विरोध को वापस लेने की अपील की।
शाह बोले- डॉक्टरों को अनुकूल माहौल प्रदान करना हम सभी की जिम्मेदारी
बैठक के बाद ट्वीट करते हुए शाह ने लिखा, 'कार्यस्थल पर हमारे डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान पर कोई समझौता नहीं हो सकता। हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मैंने सभी डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनके मुद्दों को लेकर प्रतिबद्ध है और उनसे उनके प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील की।' डॉक्टरों के साथ हुई इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हुए।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर बिल के ड्राफ्ट को अटका चुका है गृह मंत्रालय
दिल्लीAIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने भी अमित शाह को पत्र लिख स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून लाने की मांग की है। 2019 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे ही एक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया था जिसमें डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान किया था। इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिल गई थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने इसे अटका दिया था।