अखलाक हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार को झटका, आरोपियों के खिलाफ चलता रहेगा मामला
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के दादरी में 2015 में हुई मोहम्मद अखलाक की हत्या के मामले में मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लगा है। गौतम बुद्ध नगर की सूरजपुर कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मामले में लगाई गई अर्जी को महत्वहीन और आधारहीन मानते हुए निरस्त किया है। साथ ही मुकदमे को तेजी से बढ़ाने को कहा है।
सुनवाई
सबूतों की सुरक्षा का आदेश
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त और ग्रेटर नोएडा के उपायुक्त को पत्र भेजा जाए ताकि यह सबूतों को हर तरह की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सौरभ द्विवेदी ने कहा कि मामले को 'सबसे जरूरी' श्रेणी में रखा जाए और रोजाना सुनवाई हो। कोर्ट ने प्रॉसिक्यूशन को भी मामले में जल्द से जल्द सबूत रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
घटना
क्या है मामला?
वर्ष 2015 में गौतम बुद्ध नगर के दादरी के बिसाड़ा गांव में अखलाक की भीड़ ने गौमांस खाने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ का आरोप था कि अखलाक ने गोमांस खाया था और उसे बाद में खाने के लिए फ्रिज में भी जमा किया था। पुलिस ने मामले में 3 नाबालिगों समेत कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक की 2016 में मौत हो गई थी। बाकी 14 आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।
सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने मामला वापस लेने के आवेदन में क्या कहा?
राज्य सरकार ने इस साल अक्टूबर में मुकदमा वापस लेने के लिए एक आवेदन दिया था, जिसमें उसने कई वजह बताई। सरकार ने बताया कि अखलाक के रिश्तेदारों ने आरोपियों के नाम अलग-अलग बताए, आरोपियों के पास कोई बंदूक या धारदार हथियार नहीं था और आरोपी और पीड़ित के बीच कोई दुश्मनी या दुश्मनी नहीं थी। यही वजह दो आरोपियों ने 8 साल पहले जमानत के लिए आवेदन करते समय भी दिया था।