दिल्ली में फिर बढ़ रहा प्रदूषण, हवा में 'जहर' घोलने वालों पर एक्शन तेज
दिल्ली में बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण का कहर भी बढ़ने लगा है। यहां शनिवार को सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 217 रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने कहा है कि 22 अक्टूबर को बारिश होने की संभावना है जिससे प्रदूषण में राहत मिल सकती है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने हवा में जहर घोलने वालों के खिलाफ एक्शन तेज किये हैं जिससे इस वर्ष में चालान की संख्या में वृद्धि हुई है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) की हो रही अनदेखी
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का एक बड़ा कारण शहर के वाहन भी हैं, जिनसे निकलने वाला धुंआ हवा की गुणवत्ता को खराब कर रहा है। ऐसे में सभी वाहनधारकों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) लेना अनिवार्य है। इसके बाद भी लोगों में इसको लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन के लिए दिल्ली में जगह-जगह कैमरे भी लगाये गए हैं। इस एक्शन के कारण ही यहां चालानों की संख्या में वृद्धी हुई है।
दिल्ली में बढ़ी चालान की संख्या
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, PUCC न होने पर इस साल 15 अक्टूबर तक 1.18 लाख दोपहिया वाहनों के चालान काटे गए हैं जिसमें 69,190 मोटरसाइकिल और 49,219 स्कूटर शामिल थे। ट्रैफिक पुलिस ने 33,754 कारों, 1,556 तिपहिया, 1,139 छोटा हाथी, 795 बड़े माल वाहन, 720 वैन, 350 टैक्सियों और 333 ट्रकों का भी चालान किया है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी में स्वच्छ हवा को बढ़ावा देने पर जोर बढ़ा है।
लोगों को जागरूक करने के लिए चलाये जा रहे अभियान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और सड़क सुरक्षा सेल लगातार अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत ड्राइवरों और महिलाओं आदि को शिक्षित करने और लोगों को इस संबंध में जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा समाचार पत्रों में विज्ञापनों के माध्यम से, सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से और मोबाइल प्रदर्शनी वाहनों और नुक्कड़ नाटकों जैसे अन्य माध्यमों के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
PUCC और इसके नियम क्या हैं?
PUCC गाड़ी की जांच के बाद दिया जाने वाला प्रदूषण प्रमाणपत्र है जो ये पुष्टि करता है कि कोई मोटर वाहन प्रदूषण मानदंडों का अनुपालन कर रहा है। भारत में चलने वाले वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) होना और उसकी एक प्रति अपने पास रखना अनिवार्य है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य केवल उन्हीं वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति देना है, जो भारत सरकार द्वारा विनियमित उत्सर्जन मानदंडों का पालन करते हैं।
क्या है सजा का प्रावधान?
नई गाड़ी लेने पर PUCC प्रमाणपत्र गाड़ी को खरीदते समय ही दिया जाता है और इसकी वैधता एक साल तक के लिए होती है। एक साल बाद फिर गाड़ी का PUC टेस्ट कराया जाता है। वैध PUCC के बिना चलने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धारा के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इसमें वैध PUCC न होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना है, पहले अपराध पर 3 महीने के लिए लाइसेंस की अयोग्यता भी शामिल है।