आगरा: अस्पताल के मालिक ने "मॉक ड्रिल" में बंद की ऑक्सीजन सप्लाई, 22 मौतों का दावा
आगरा के एक प्राइवेट अस्पताल के मालिक के सनसनीखेज वीडियो ने प्रशासन में हडकंप मचा दिया है। इन वीडियो में वह कह रहा है कि अस्पताल ने 26 अप्रैल को "मॉक ड्रिल" के तौर पर 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी थी, जिसके बाद 22 मरीज मर गए। अस्पताल ने ऐसा इसलिए किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन मरीज बचेगा और कौन नहीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
पारस अस्पताल का है मामला, भर्ती थे 96 मरीज
मामला भगवान टॉकीज स्थित पारस अस्पताल का है। 28 अप्रैल के बताए जा रहे इन वीडियो में अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन अपने स्टाफ के साथ बात कर रहे हैं। पहले वीडियो में वह बता रहे हैं कि 25 अप्रैल को उनके पास ट्रेडर आया था जिसने बताया कि मोदी नगर, गाजियाबाद सभी जगह ऑक्सीजन खत्म हो गई है और दिल्ली से गाड़ी नहीं आ पा रही। उनके अनुसार, उस समय अस्पताल में 96 कोरोना संक्रमित भर्ती थे।
डॉ जैन ने परिजनों को मरीजों को अन्य अस्पतालों में ले जाने को कहा
डॉ जैन ने आगे बताया कि उन्होंने मरीजों के परिजनों को उन्हें अन्य अस्पतालों में ले जाने को कहा, लेकिन कोई नहीं गया जिसके बाद उन्होंने कई वेंडर्स से बात की। वेंडर्स ने कहा कि ऑक्सीजन नहीं है और मुख्यमंत्री भी सिलेंडर नहीं दिलवा सकते हैं। अन्य वीडियो में वो कह रहे हैं, "मैंने IAS संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वो बोले कि मरीजों को समझाओ। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं मंगवा सकता... लेकिन कोई परिजन नहीं जा रहा था।"
परिजनों के न मानने पर डॉ जैन ने की मॉक ड्रिल
परिजनों के न मानने पर डॉ जैन ने "ऑक्सीजन मॉक ड्रिल" करने का फैसला लिया। इसके बारे में वह वीडियो में कह रहे हैं, "मैंने कहा दिमाग मत लगाओ. अब वो छांटो जिनकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है। एक ट्राई मारो। पता चल जाएगा कि कौन मरेगा कौन नहीं। मॉक ड्रिल सुबह 7 बजे की। शून्य कर दी.. 22 मरीज छंट गए, 22 मरीज। नीले पड़ने लगे हाथ-पैर, छटपटाने लगे, तुरंत खोल दिए। 5 मिनट में 22 मर गए।"
देखें वायरल वीडियो
वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया- डॉ जैन
वीडियो वायरल होने के बाद मामले पर सफाई देते हुए डॉ जैन ने कहा है, "मॉकड्रिल का मतलब मरीजों में ऑक्सीजन की खपत जांचना था। ऑक्सीजन बंद नहीं की गई। 22 मरीजों की मौत नहीं हुई है। वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।"
आगरा के जिलाधिकारी ने किया डॉ जैन के बयान का समर्थन
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने भी डॉ जैन के बयान का समर्थन किया है। मीडिया को बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा, "26-27 अप्रैल को ऑक्सीजन की थोड़ी सी कमी हुई थी जिसे हमने 48 घंटे में सामान्य कर लिया था। पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को चार कोरोना मरीजों की मौतें हुई। 27 अप्रैल को तीन मरीजों की मौत हुई।"
22 मौतों की बात सच नहीं, न्यायिक जांच होगी- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी सिंह ने आगे कहा, "कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। अस्पताल में ICU में अन्य मरीज भी भर्ती थे। 22 मौतों की बात सत्य नहीं है, लेकिन इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी।"
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