बाल विवाह के कारण छूटी पढ़ाई, बगावत करके कर रही ग्रेजुएशन और सिक्योरिटी गार्ड का काम
आज भले ही बाल विवाह को अपराध माना जाता है, लेकिन देश में आज भी कई जगह बाल विवाह होते हैं। बचपन में ही शादी हो जाने की वजह से कई लड़कियों का जीवन बर्बाद हो जाता है। हालाँकि, कुछ लड़कियाँ उसके बाद भी अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए घरवालों और ससुराल वालों से बग़ावत कर देती हैं और अपनी एक अलग पहचान बनाती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं।
14 वर्ष की उम्र में हो गया था गिरिजा का विवाह
न्यूज़18 के अनुसार यह कहानी मध्य प्रदेश के मंदसौर की 20 वर्षीय गिरिजा बैरागी की है। जब वो 14 साल की थीं, तभी उनका विवाह हो गया। ससुराल जाने पर पता चला कि बहुएँ बाहर निकलकर पढ़ाई नहीं कर सकती। इसके बाद वो अपने माँ के घर लौट आईं और कोर्ट में शादी निरस्त करने का आवेदन किया। इसकी वजह से उन्हें ताने और धमकियाँ भी झेलनी पड़ी, लेकिन वो डटी रहीं। आज वो कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं।
गिरिजा को था किताबों का शौक़
गिरिजा ने बताया, "शादी के समय माँ मेरा सिंदूर तैयार कर रही थीं और मेरी आँख भर आई। मैंने माँ से कहा कि कच्ची उम्र में शादी कर दी अब क्या एकदम से मार ही दोगी। इसके बाद माँ मुझे देखती रह गई।" उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद मैंने तुरंत शादी के कुछ कपड़े फेंके और उसमें अपनी किताबें डाल दी।" जहाँ नई ब्याहता को कपड़ों का ज़्यादा शौक़ होता है, वहीं गिरिजा को किताबों का ज़्यादा शौक़ था।
किताबों को पढ़ने का नहीं मिलता था समय
जब गिरजा ससुराल पहुँची, तो देखा कि वहाँ लोग हर समय काम में व्यस्त रहते थे। काम करते-करते गिरिजा इतना थक जाती थीं कि रात को बिना खाए ही सो जाती थीं। उनकी किताबें संदूक में पड़ी थीं, लेकिन कभी उन्हें पढ़ने का समय ही नहीं मिला। उस समय वो नौंवी कक्षा में थीं। शादी के समय बात हुई थी कि वो थोड़े दिन ससुराल में रहेंगी और परीक्षा के समय मायके आ जाएँगी।
10वीं के बाद पढ़ाना नहीं चाहते थे ससुराल वाले
गिरिजा रोज़ सोचती थीं कि ससुराल वालों से बात करें कि दोपहर में उन्हें पढ़ने का समय मिले, लेकिन वो समय नहीं आया। एक दिन गिरिजा को पता चला कि उनके ससुराल वाले 10वीं के बाद पढ़ने नहीं देंगे। यह सुनते ही उन्होंने नई दुल्हन का सारा डर किनारे कर दिया। उनके ससुराल वालों ने बताया कि घर में बहुत काम होते हैं, ऐसे में अगर घर का एक सदस्य पढ़ाई में लगा रहेगा तो काम रुक जाएगा।
ससुराल वालों ने बनाया नया बहाना
गिरिजा ने पहले सोचा कि काम के साथ पढ़ाई संभव है और उन्होंने सुबह पढ़ने का समय तय किया। वो काम से थक जाती थीं, लेकिन पढ़ाई करती थीं। यह देखकर उनके ससुराल वालों ने नया बहाना बनाया कि लोग क्या कहेंगे की बहू बस्ता लेकर स्कूल जाती है। इसके बाद वो कुछ न बोल पाईं। लेकिन जब वो कुछ दिनों बाद ससुराल से मायके आईं तो इतने दिनों से रुका हुआ बाँध फूट पड़ा।
गिरिजा को मिलने लगे ताने
मायके में कई दिनों तक बिना बोले भूख हड़ताल के बाद आख़िरकार उनके घर वाले समझ गए कि अब उन्हें मजबूर नहीं किया जा सकता है। उनके माता-पिता ने गिरिजा के ससुराल में ख़बर भिजवा दी कि अब उनकी बेटी वापस नहीं लौटेगी। इसके बाद गिरिजा को 'पढ़कर क्या करेगी कौन सी पढ़कर तुझे कलेक्टर बनाना है', 'शादी टूट जाएगी, तो सारी उम्र किताबों से साथ जीना' जैसे ताने भी मिलने लगे।
परिवार वालों ने दिया साथ
गिरिजा ने बताया, "मैंने लोगों की बातें अनसुनी करते हुए अपना सारा ध्यान पढ़ाई में लगाया। मायके में रहते हुए मैंने पढ़ाई के साथ ही विवाह निरस्त करके के लिए बाल संरक्षण अधिकारी के पास आवेदन डाल दिया।" उन्होंने आगे बताया, "केस कोर्ट में पहुँचा, तो ससुराल वालों की तरफ़ से धमकियाँ मिलने लगीं। मजाक उड़ा और लोगों ने हमारे घर आना छोड़ दिया, लेकिन तब तक मेरा परिवार मेरी बात समझ चुका था और उन्होंने मेरा साथ दिया।"
अब ग्रेजुएशन कर रही हैं गिरिजा, साथ में करती हैं सिक्योरिटी गार्ड का काम
गिरिजा ने बताया, "अब मैं आर्ट्स से ग्रेजुएशन कर रही हूँ और हमउम्र लड़कियों के साथ कॉलेज जाती हूँ। साथ में सिक्योरिटी गार्ड का काम भी करती हूँ। लोगों के मजाक ने ही मुझे रास्ता दिखाया। अब मैं पढ़कर PSC की परीक्षा दूँगी।"