चार धाम यात्रा: इस बार अब तक 99 श्रद्धालुओं की मौत, ये कारण बता रहे विशेषज्ञ
इसी महीने शुरू हुई चार धाम यात्रा के दौरान अब तक 99 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। शनिवार को हुई आठ मौतों के बाद यह आंकड़ा बढ़ गया है। जान गंवाने वाले लोगों में से अधिकतर बुजुर्ग हैं। सरकार की तरफ से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए चार धाम यात्रा मार्ग पर मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। चार धाम यात्रा के दौरान हर साल मौतें दर्ज होती हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या ज्यादा हैं।
2017, 2018 और 2019 में हुईं इतनी मौतें
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान 90, 2018 में 102 और 2017 में 112 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। यह यात्रा हर साल अप्रैल-मई से शुरू होकर अक्टूबर-नवंबर तक चलती है।
इस बार ज्यादा मौतों के पीछे क्या कारण?
केदारनाथ में श्रद्धालुओं को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के प्रमुख डॉ प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि इस बार बढ़ती मौतों के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कमजोर प्रतिरोधक क्षमता, खराब मौसम, यात्रियों की भीड़ को देखते हुए अपर्याप्त व्यवस्था और श्रद्धालुओं को मौसम के अनुकूल ढालने के लिए कोई व्यवस्था न होने जैसे कारणों से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
बिना मौसम की तैयारी किए भी आ रहे कुछ श्रद्धालु
डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि अधिकतर श्रद्धालुओं को इतनी ऊंचाई वाले मौसम की आदत नहीं होती। इसलिए उन्हें यात्रा के शुरुआती चरणों में कम ऊंचाई पर ब्रेक देना चाहिए ताकि वो खुद को मौसम के अनुकूल ढाल सकें। एकदम से इतनी ऊंचाई पर आने के बाद मौसम में इस तरह के बदलाव कई लोग सह नहीं पाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोगों का मौसम का अंदाजा नहीं होता और वो इसके लिए बिना तैयारी किए आते हैं।
हाइपोथर्मिया के कारण हुईं कई मौतें
इस बार यात्रा के दौरान जान गंवाने वालों में कईयों की हाइपोथर्मिया के कारण मौत हुई है। अत्याधिक ठंड के कारण व्यक्ति हाइपोथर्मिया का शिकार हो सकता है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण कमजोर हुई इम्युनिटी भी मौतों का बड़ा कारण है।
60 खच्चरों की भी हो चुकी है मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केदारनाथ में यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल की जा रहीं 60 खच्चरों की मौत हो गई है। इसके पीछे खराब चारा और उनसे लिया जा अत्याधिक काम है। उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि वो स्थिति का जायजा लेने के लिए खुद केदारनाथ जाएंगे। भाजपा सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने भी इस संबंध में राज्य सरकार से बातचीत की है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस बार दो साल बाद चार धामा यात्रा का आयोजन हो रहा है। 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के चलते यह यात्रा नहीं हो पाई थी। हालांकि, इस दौरान मंदिरों के कपाट तय समय पर खुले, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत नहीं थी।