मुंबई की लोकल ट्रेन में एक साल में चोरी हुए तीन करोड़ रुपये के मोबाइल फोन
क्या है खबर?
यदि आप मुंबई की लोकल ट्रेन से यात्रा करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए! यात्रा करने के दौरान आपकी जेब में रखा मोबाइल फोन सुरक्षित रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
ये हम नहीं, बल्कि राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के साल 2019 के आपराधिक आंकड़े बोल रहे हैं। इनके अनुसार मुंबई की लोकल ट्रेनों में प्रतिदिन 66 मोबाइल फोन चोरी होते हैं। ऐसे में यात्रा के दौरान आपको सचेत रहने की बहुत जरूरत है।
रिपोर्ट
2019 में फोन चोरी के 24,000 मामले
मुंबई में लोकल ट्रेन का जाल छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से सेंट्रल लाइन पर खोपोली और कसारा, हार्बर लाइन पर CSMT और वेस्टर्न लाइन के लिए चर्चगेट से दहानू तक फैला हुआ है।
इन मार्गों पर प्रतिदिन करीब 80 लाख यात्री यात्रा करते हैं।
साल 2019 में इन लाइनों पर स्थित GRP के 17 थानों में मोबाइल फोन चोरी के 24,010 मामले दर्ज हुए हैं। इस हिसाब से प्रतिमाह औसतन 2,000 और प्रतिदिन 66 मोबाइल फोन चोरी हुए।
कीमत
तीन करोड़ रुपये है चोरी हुए फोन्स की अनुमानित कीमत
GRP के रिकॉर्ड्स में एक साल में चोरी हुए कुल 24,010 मोबाइल फोन्स की अनुमानित कीमत करीब 2 करोड़ 99 लाख आंकी गई गई है।
यदि प्रतिदिन का औसत निकाला जाए तो लोकल ट्रेनों में प्रतिदिन 82,000 रुपये के मोबाइल फोन चोरी हुए हैं।
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुंबई की लोकल ट्रेनें नियमित यात्रा करने वाले यात्रियों पर किस कदर भारी पड़ रही है। ये स्थिति GRP की नियमित गश्त के बावजूद है।
सबसे ज्यादा
इन थाना क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वारदातें
अगर थाना क्षेत्रों की बात करें तो कुर्ला, ठाणे और बोरीवली थानों में ट्रेन में मोबाइल फोन चोरी होने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए।
इन थानों में पिछले वर्ष मोबाइल फोन चोरी के 2,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा अकेले कुर्ला थाने में 3,306 मोबाइल चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं।
क्षेत्र के अन्य 14 GRP थानों में औसतन 11,00 मामले दर्ज किए गए हैं। यह एक बड़ी चिंता का विषय है।
बरामदगी
पुलिस ने बरामद किए महज नौ प्रतिशत मोबाइल फोन
थानों में दर्ज फोन चोरी की रिपोर्ट पर GRP द्वारा की गई कार्रवाई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पुलिस ने सालभर में चोरी हुए 24,010 फोन्स में से महज नौ प्रतिशत यानी 2,319 फोन बरामद किए हैं।
इसके लिए पुलिस ने 234 नाबालिगों सहित कुल 5,724 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि अपराधी फोन चुराने के बाद उसे सस्ते दाम पर बेच देते हैं। इससे बरामदगी नहीं हो पाती।
तुलना
2018 की तुलना में कम हुई मोबाइल फोन चोरी की वारदात
यदि 2019 की 2018 से तुलना करें तो मोबाइल फोन चोरी की वारदातों में कमी आई है।
साल 2018 में जहां तीन करोड़ नौ लाख रुपये की लागत के कुल 32,476 फोन चोरी हुए थे, वहीं 2019 में घटकर ये 24,010 फोन पर आ गई।
2018 में प्रतिदिन औसतन 88 फोन चोरी होते थे।
हालांकि पुलिस बरामदगी में भी पीछे रह गई। पुलिस ने साल 2018 में कार्रवाई करते हुए कुल 2,517 फोन बरामद किए थे।